उत्तराखंड : हरिद्वार कुंभ के दौरान जैविक आतंक फैलाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता आखिर क्यों बोले कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज एक रिपोर्ट

 

 

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि हाल ही में संपन्न हरिद्वार कुंभ के दौरान जैविक आतंक फैलाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। सरकार इस पहलू पर गंभीर है। कोरोना जांच घोटाले के साथ इसकी भी जांच करवाई जाएगी। शुक्रवार को महाराज ने इस बाबत टवीट भी किया और अपने सोशल मीडिया मीडिया पेज पर भी जैविक आतंक पर चिंता जाहिर की।

महाराज ने कहा आज के दौर में जैविक आतंकवाद घातक हो चुका है। इससे चल-अचल संपत्तियों को नुकसान नहीं पहुंचता और न ही बम और मिसाइल जैसे हथियारों की तरह इसका सार्वजनिक रूप से पता चलता है। आतंकी तत्व बड़े आयोजनों की ताक में रहते हैं, जहां बड़ी संख्या में लोग एकत्र हों। भीड़भाड़ भरे माहौल में किसी को भी आसानी से हानिकारक जैविक तत्व से संक्रमित किया जा सकता है। बकौल महाराज, मैं संसद की डिफेंस कमेटी का अध्यक्ष रहा हूं। उस वक्त भी ऐसे मसलों पर हम लोग चर्चा करते थे। इन सभी संभावना और आशंकाओं पर भी गंभीरता से चर्चा की जाती थी।महाराज ने कहा कि आज के दौर में जैविक हथियार ही सबसे सरल और घातक होते हैं। इससे प्रोपर्टी नष्ट नहीं होती, केवल जीवों पर इसका असर होता है। इस प्रकार के बड़े आयोजन में किसी में भी बायो तत्व इंजेक्ट किया जा सकता है।कोरोना वायरस भी ऐसा वायरस से जो महामारी फैलाता है। इसलिए बायो टेरर भी जांच का विषय होना जरूरी है।महाराज ने कहा कि हरिद्वार कुंभ के दौरान कोविड टेस्टिंग में गलत डाटा दर्ज करना निश्चित रूप से जघन्य अपराध है। सरकार इस मामले में बेहद गंभीर है। कुंभ के दौरान जैविक आंतक की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। जहां भीड़ होती है, वहां इस प्रकार का एंगल होता है। सरकार निश्चित ही इस पहलू की भी जांच करेगी। यह गंभीर विषय है।

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