आखिर हर दा ने भाजपाईयो से क्यो कहा हिम्मत है तो मेरे साथ इनको भी उसी नाम से पुकारिये।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लिखते है कि
भाजपाई दोस्तो नीचे के कुछ चित्र देखिये
दरगाह में गोल टोपी पहनने से हरीश रावत तो मौलाना हरीश रावत हो गये और घर-घर में आपने वो टोपी वाली मेरी तस्वीर पहुंचा दी


अब जरा मुझे बताइए क्या Rajnath Singh जी भी मौलाना राजनाथ सिंह हो गये हैं?
अटल बिहारी वाजपेई जी की एक पुरानी फोटो है, क्या इनको भी आप मौलाना अटल बिहारी वाजपेई कहना पसंद करेंगे?
मोदी जी की भी एक फोटो है, आपके हिंदुत्व के आईकॉन की, क्या इनको भी आप उसी संबोधन से नवाजेंगे जो संबोधन आपने केवल-केवल मेरे लिए रिजर्व करके रखा है।
हिम्मत है तो मेरे साथ इनको भी उसी नाम से पुकारिये।

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