सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लिखते है कि
दल-बदलू पहलवानों को लेकर मेरी एक न्यूज_चैनल से बातचीत में की गई छोटी सी टिप्पणी ने कुछ बड़ी ही हलचल मचा दी है। प्रतिक्रियाओं के दायरे को देखकर लगता है, कहीं न कहीं बड़ी आंच है, इसलिये तो एक सुप्रसिद्ध राष्ट्रीय_न्यूज़ चैनल यूं ही मुझसे पूछने नहीं चला आया, खैर अभी मैं और बयानों का इंतजार कर रहा हूं, जो आ गये हैं उन पर इतना ही कहना चाहता हूं कि, यदि कहीं दूर आग लगी हो, तो उसको अपने आंगन तक ले जाना भी एक कला है। मैं तो 55 वर्ष की राजनीति में भी इतना नहीं सीख पाया कि, मेरा अधिकार क्षेत्र कहां तक है! यूं धुंआ देखकर आग खोज लेने वालों के लिये इस प्रकरण में काफी संभावनाएं हैं। मैं इस विषय पर कुछ और आगे कहूंगा।