सांसद त्रिवेंद्र रावत मागे वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा, और पूर्व सांसद तीरथ सिंह रावत बोले , ‘मैंने आज तक कोई ऐसा काम नहीं किया जो मुझे ऐसा लगे कि मुझे और अधिक सुरक्षा की जरूरत है. हां, इतना जरूर है कि हम नेताओं की सुरक्षा के नाम पर खर्च होने वाला पैसा जनता के काम आना चाहिए…
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की सिक्योरिटी का मामला चर्चाओं में हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत सीएम धामी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तक को इस संबंध में पत्र लिख चुके हैं. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनकी वाई श्रेणी की सुरक्षा को बढ़ाकर वाई प्लस करने की मांग की है..
आपको बता दे कि राज्य के साथ ही केंद्र सरकार समय-समय पर एजेंसियों से फीडबैक लेकर नेताओं की सुरक्षा को लेकर फैसला लेती है
हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते दिनों लोकसभा चुनाव के दौरान ही राज्य सरकार से सुरक्षा बढ़ाए जाने का अनुरोध किया. इसके लिए उन्होंने उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा, और इसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गृहमंत्री अमित शाह को भी संबध में पत्र लिखा है जिसके बाद ये मामला सुर्खियों में है.
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 11 मई 2024 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र लिखा. जिसमें त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लिखा- ‘पार्टी के द्वारा जो दायित्व मुझे सौंपा गए हैं, उसकी वजह से मुझे राज्य से बाहर कई दुरुस्त क्षेत्र में जाना पड़ता है. ऐसा कई बार होता है की सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत आवश्यक हो जाती है. समय-समय पर कार्यकर्ता भी सुरक्षा बढ़ाये जाने का सुझाव दे रहे हैं, ऐसे में मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें वाई प्लस की सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए’. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे गए इस पत्र की कॉपी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गृह सचिव उत्तराखंड शासन और पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड को भी भेजी है
वही त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को 24 मई 2024 को एक पत्र लिखा. अमित शाह को लिखे गए पत्र में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लिखा, ‘मुझे राज्य सरकार की तरफ से वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है, जबकि मुझे पार्टी के कार्यक्रमों और अन्य कार्यक्रमों में कई ऐसी जगह पर जाना पड़ता है जो अति संवेदनशील होते हैं, ऐसे में मैंने उत्तराखंड सरकार को भी पत्र लिखा है, साथ ही साथ आपसे भी अनुरोध कर रहा हूं कि तमाम परिस्थितियों को संज्ञान में लेते हुए आवश्यक कार्रवाई करने हेतु अपने स्तर से संबंधित को निर्देशित करने का कष्ट करें’..
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत की सुरक्षा हटाई गई है या वो अतिरिक्त सुरक्षा मांग रहे हैं इसको लेकर उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने स्टेटमेंट जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि उत्तराखंड पुलिस को यह सूचना मिली थी कि कुछ लोग यह भ्रमित खबर फैला रहे हैं कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की सुरक्षा हटाई गई है, जबकि, पुलिस ने यह साफ कर दिया है कि उत्तराखंड पुलिस की तरफ से ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया गया है. उत्तराखंड पुलिस ने कहा सुरक्षा हटाने और सुरक्षा देने का काम सीधे तौर पर नहीं किया जाता है. राज्य में हर 6 महीने बाद तमाम नेताओं की सुरक्षा को लेकर समीक्षा होती है, जिसमें इस तरह के तमाम निर्णय लिये जाते हैं. फिलहाल राज्य सुरक्षा समिति की कोई बैठक नहीं हुई है, न ही ऐसा कोई भी निर्णय लिया गया है.
वही सुरक्षा संबंधी खबरों के चर्चाओं में आने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यालय से बताया गया कि सुरक्षा बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गृह मंत्री को पत्र लिखे गये हैं. चुनाव के समय, त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यक्रमों को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही थी, जिसके कारण ये पत्र लिखे गये हैं.
त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इससे पहले त्रिवेंद्र विधायक, कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. वर्तमान में त्रिवेंद्र सिंह रावत हरिद्वार से सांसद हैं. अभी त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास वाई श्रेणी की सुरक्षा है. वाई श्रेणी की सुरक्षा में 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं, इनमें दो पीएसओ जो निजी सुरक्षा गार्ड भी होते हैं. कई जगह पर सुरक्षा में पुलिस पिकेट देने का प्रावधान है.
क्या होती है वाई प्लस सुरक्षाः
त्रिवेंद्र सिंह रावत सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. अभी उनके पास वाई श्रेणी की सुरक्षा है. वो इसे बढ़ाकर वाई प्लस सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. वाई प्लस सुरक्षा में सुरक्षाकर्मियों की संख्या 11 होती है. जिसमें कमांडो 1या 2 पीएसओ शामिल होते हैं.
उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी जाने वाली सुरक्षा के दृष्टिकोण से अगर देखें तो त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरह ही सांसद बनने से पहले सुरक्षा मिल रही है. मौजूदा समय में पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, विजय बहुगुणा और हरीश रावत जैसे नेताओं को भी दो PSO और दो पुलिसकर्मी मिले हुए हैं. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जब पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी सांसद रहते वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा नहीं मिली है तो भला त्रिवेंद्र सिंह रावत को शासन या सरकार किस आधार पर यह सुरक्षा मुहैया करा सकता है.. बुद्धिजीवी बताते हैं कि नेताओं की सुरक्षा देखने वाली कमेटी इन सभी बातों का अध्ययन करती है. नेताओं की सुरक्षा को लेकर कमेटी गंभीर विचार विमर्श करती है. इसमें उनकी पॉपुलैरिटी, उनकी पब्लिक प्रेजेंस, धमकियां सभी पर मंथन किया जाता है. जिसके बाद सुरक्षा की श्रेणी पर फैसला लिया जाता है.
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री की सुरक्षा बढ़ाई जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद तीरथ सिंह रावत ने कहा, ‘मैंने आज तक कोई ऐसा काम नहीं किया जो मुझे ऐसा लगे कि मुझे और अधिक सुरक्षा की जरूरत है. हां, इतना जरूर है कि हम नेताओं की सुरक्षा के नाम पर खर्च होने वाला पैसा जनता के काम आना चाहिए..
तीरथ सिंह रावत ने कहा, ‘मैं जब मुख्यमंत्री पद पर था तब मैंने एक पत्र लिखकर मिलने वाली तमाम सरकारी सुविधाओं के लिए मना किया था..
उत्तराखंड देवभूमि है, अगर हमें यहां डर लगेगा तो हम जनता को क्या संदेश देंगे? मैं मानता हूं यहां पर किसी तरह का कोई भय नहीं है. मैं किसी दूसरे के सवाल पर या सुरक्षा पर कुछ नहीं कहना चाहूंगा, हां इतना जरूर है कि उत्तराखंड बेहद सुरक्षित प्रदेश है..