इरफान अहमद
रुड़की पूरे भारत में 4 मार्च को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव के भक्त मंदिरों में शिव शंकर की पूजा अर्चना करेंगे। गीत गाएंगे, शिवलिंग पर बेल पत्थर चढ़ाएंगे। भांग का प्रसाद ग्रहण करेंगे और पूरे दिन उपवास रखेंगे।ज्योतिषाचार्य पण्डित रजनीश के अनुसार इस बार की महाशिवरात्रि सोमवार को पड़ने की वजह से और भी खास होगी।
क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि…
हिंदू पुराणों में महाशिवरात्रि के लिए कोई एक नहीं बल्कि कई वजहें बताई गई हैं। किसी कथा में महाशिवरात्रि को भगवान शिव के जन्म का दिन बताया गया है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। इसी वजह से इस दिन शिवलिंग की खास पूजा की जाती है। वहीं, दूसरी प्रचलित कथा के मुताबिक ब्रह्मा ने महाशिवरात्रि के दिन ही शंकर भगवान का रुद्र रूप का अवतरण किया था। इन दोनों कथाओं से अलग कई स्थानों पर मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की शादी हुई थी।
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त..
4 मार्च को शाम 04:28,
से 5 मार्च सुबह 07:07
महाशिवरात्रि पूजा की सामग्री..
1.शिव लिंग के अभिषेक के लिए दूध या पानी। इसमें कुछ बूंदे शहद की अवश्य मिलाएं।
2. अभिषेक के बाद शिवलिंग पर सिंदूर लगाएं।
3. सिंदूर लगाने के बाद धूप और दीपक जलाएं।
4. शिवलिंग पर बेल और पान के पत्ते चढ़ाएं।
5. आखिर में अनाज और फल चढ़ाएं।
6. पूजा संपन्न होने तक ‘ओम नम: शिवाय’ का जाप करते रहें।
महाशिवरात्रि व्रत नियम…….
1 सुबह ब्रह्म मुहूर्त में नहाकर भगवान शिव की विधिवत पूजा करें।
2.दिन में फलाहार, चाय, पानी आदि का सेवन करें।
3.शाम के समय भगवान शिव की पूजा अर्चना करें।
4.रात के समय सेंधा नमक के साथ बनें व्रत में खाए जाने वाला भोजन खाएं।
5.कुछ लोग शिवरात्रि के दिन सिर्फ मीठा ही खाते हैं।
महाशिवरात्रि का महत्व..
शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का दिन बेहद ही महत्वपूर्ण होता है। इस दिन वो शंकर भगवान के लिए व्रत रख खास पूजा-अर्चना करते हैं. वहीं, महिलाओं के लिए महाशिवरात्रि का व्रत बेहद ही फलदायी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि का व्रत रखने से अविवाहित महिलाओं की शादी जल्दी होती है। वहीं, विवाहित महिलाएं अपने पति के सुखी जीवन के लिए महाशिवरात्रि का व्रत रखती हैं।
शिवरात्रि और महाशिवरात्रि..
साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन आने वाली शिवरात्रि को सिर्फ शिवरात्रि कहा जाता है। लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी के दिन आने वाले शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। इसे कुछ लोग सबसे बड़ी शिवरात्रि के नाम से भी जानते हैं।

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