उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश और पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने शनिवार को केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने शंकराचार्य समाधि, दिव्यशिला से समाधि तक पैसेज मार्ग, एमआई-26 हेलीपैड, सरस्वती और मन्दाकिनी घाट का भी निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव  ओम प्रकाश ने कार्यदायी संस्थाओं को कार्य में तेजी लाने और गुणवत्ता परक कार्य कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर हाल में तय समय सीमा के भीतर पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण किया जाय। शंकराचार्य समाधि में चारदीवारी और मंडल वाल का निर्माण किया जाना है। चारदीवारी 12 मीटर और मंडल वाल 03 मीटर की बनाई जानी है जिसमे से चारदीवारी की वाल 1, 2 और 4 पर एक से डेढ़ मीटर की दीवार का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है जबकि वाल 3 पर सरिया और कंक्रीट का कार्य चल रहा है। दिव्यशिला से समाधि तक 48 ×3.6 मीटर का पैसेज बनाया जाना है जिस पर राफ्ट का कार्य पूरा हो चुका है और कंक्रीट का कार्य प्रगति पर है। इस संबंध में मुख्य सचिव ने जिंदल सोशल वर्क के प्रबंधक विकास राणा को 31 दिसम्बर तक शंकराचार्य समाधि और पैसेज को हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए।

 

सरस्वती नदी पर 504×5 मीटर का आस्था पथ का निर्माण कार्य पूर्ण चुका है और घाट के लिए स्टेप भी बन चुके है। घाट को जाने वाले स्टेप पर सौंदर्यीकरण हेतु लाइटनिंग का कार्य किया जाना है। घाट के आस पास 5 व्यू पॉइंट बनाये जाने है जिसमे से 3 व्यू पॉइंट पर काम पूरा हो चुका है। इस सम्बंध में मुख्य सचिव ने जेएसडब्ब्ल्यू को सितम्बर महीने के अंत तक शेष 2 व्यू पॉइंट का निर्माण करने और अक्टूबर तक घाट सौंदर्यीकरण का काम पूरा करने के निर्देश दिए।

एमआई-26 हेलिपैड पर क्षतिग्रस्त गढ़वाल मंडल विकास निगम के 3 कॉटेज को 10 दिन के भीतर हटाने के निर्देश मुख्य सचिव ने लोनिवि के अधीक्षण अभियंता मुकेश परमार को दिए। एमआई-26 वर्तमान में 50×40 आकार का है जिसका विस्तारीकरण चिनूक हेलीकाप्टर हेतु 50×100 का किया जाना है। डीडीएमए द्वारा गरुड़चट्टी के लिए पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसमें से केदारपुरी की तरफ के अबटमेंट का काम पूरा हो चुका है। एक हफ्ते के भीतर दूसरी ओर के अबटमेंट का काम पूरा हो जाएगा।

 

सीएस ने अधिशासी अभियंता डीडीएम प्रवीण कर्णवाल को 31 दिसम्बर तक पुल निर्माण कार्य हर हाल में पूरे करने के निर्देश दिए है। जिंदल ग्रुप द्वारा तीर्थ पुरोहितों के 5 भवन निर्माण किये जाने थे जिसमें से 2 भवनों को पूर्ण कर जिला प्रशासन को सौंप दिए गए हैं। बाकी बचे तीन भवनों को 15 सितम्बर, 30 सितम्बर और 15 अक्टूबर तक पूर्ण कर जिला प्रशासन को सौंपने के निर्देश मुख्य सचिव ने दिए। साथ ही ध्यान गुफा के लंबित कार्यों को भी तय समय के भीतर पूरे करने के निर्देश दिए।

 

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