मुख्यमंत्री धामी ने बागेश्वर में जो धुंआधार प्रचार किया, उसने चुनाव का रुख बदलकर रख दिया,जीती पार्वती दास, राष्ट्रीय फलक पर धामी का बढ़ा कद
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी आठ दिनों तक बागेश्वर में डेरा डाले रख, लेकिन मुख्यमंत्री धामी के अंतिम दौर में किए गए जोरदार प्रचार ने हवा का रुख ही बदल दिया, भाजपा की हुई जीत
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड में मिली यह जीत इसलिए भी अहम हो जाती है क्योंकि पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश की कोसी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा है
बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास को मिली जीत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का राष्ट्रीय फलक पर भी कद बढ़ाने का काम किया है। वहीं, भाजपा के कोर मुद्दों में एक समान नागरिक सहिंता और धर्मांतरण कानून शामिल रहा। वहीं, चुनाव से ठीक दो दिन पहले जिस तरह से मुख्यमंत्री धामी ने बागेश्वर में धुंआधार प्रचार किया, उसने चुनाव का रुख बदलकर रख दिया
बता दें कि बागेश्वर विधानसभा सीट से धामी मंत्रिमंडल के सदस्य रहे चंदन राम दास की बीमारी से हुए निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गयी थी। भाजपा ने इस सीट पर उनकी पत्नी पार्वती दास को अपना उम्मीदवार बनाया था। दूसरी ओर, उपचुनाव के बहाने मुख्यमंत्री को घेरने में जुटी कांग्रेस ने बागेश्वर में अपने कई हैवीवेट नेताओं को प्रचार की डोर थमाए रखी। यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी आठ दिनों तक बागेश्वर में डेरा डाले रख, लेकिन मुख्यमंत्री धामी के अंतिम दौर में किए गए जोरदार प्रचार ने हवा का रुख ही बदल दिया।
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड में मिली यह जीत इसलिए भी अहम हो जाती है क्योंकि पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश की कोसी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में देवभूमि में बाबा बागनाथ की धरती से आई इस जीत ने भाजपा को 2024 लोकसभा चुनावों को लेकर आश्वस्त किया है।