उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने से प्रदेश सरकार के सामने अब एक और चुनौती खड़ी हो गई है। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को उन आठ राज्यों में शामिल कर लिया है, जहां ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के मामले तेजी सेे बढ़ रहे हैं।प्रदेश में इस समय मैदानी जिलों में तेजी से संक्रमण के मामले मिल रहे हैं। पिछले कुछ समय में पर्वतीय जिलों में भी संक्रमण के मामले बढ़े हैं। परेशानी यह है कि पर्वतीय जिलों में जांच की सुविधाएं कम हैं, जिससे जांच कम हो रही है। बृहस्पतिवार को करीब 28 हजार टेस्ट प्रदेश में किए गए और इसमें भी अधिकतर टेस्ट मैदानी जिलों में ही हुए।प्रदेश सरकार की ओर से मोबाइल टेस्टिंग लैब दूर दराज के इलाकों के लिए शुरू करने की बात की गई थी, लेकिन अभी तक यह योजना धरातल पर नहीं उतर पाई है। कम्यूनिटी फॉर सोशल डेवलपमेंट के संस्थापक अनूप नौटियाल का कहना है कि पर्वतीय जिलों में जांच कम होने का मतलब है कि कोरोना पर काबू् पाना और मुश्किल हो जाएगा। पर्वतीय जिलों में रिपोर्टिंग कम है और ऐसे मे सही तस्वीर का सामने आना मुश्किल होगा।ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में प्रदेश सरकार ने ग्राम पंचायतों पर भरोसा जताया है। मुसीबत यह है कि ग्राम पंचायतों के स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। ऐसे में ग्राम पंचायतें भी क्वांरटीन सेंटर की व्यवस्था करने तक ही सीमित हैं। जांच और उपचार के मामले में पंचायतों को पूरी तरह से स्वास्थ्य विभाग पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है