
मुख्यमंत्री धामी नें कहा”यह आयोजन उत्तराखंड की आध्यात्मिक विरासत और युवा शक्ति के समर्पण का प्रतीक है
बाबा केदार के आशीर्वाद और देवभूमि उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी की प्रेरणा और उत्तराखंड की युवा उर्जा के सहयोग से होने वाला यह आयोजन अपने तृतीय वर्ष में प्रवेश कर रहा है, जो सांस्कृतिक समृद्धि और धार्मिक आस्था का जीवंत प्रतीक है। उत्तराखंड की पवित्र भूमि पर एक बार फिर सेवा और श्रद्धा का अनुपम आयोजन होने जा रहा है। बाबा केदारनाथ की पंच मुखी विग्रह डोली यात्रा के अवसर पर पिछले सालो की भाँती इस साल भी “मुख्य सेवक भंडारा” का आयोजन 27 अप्रैल 2025 से 2 मई 2025 तक किया जाएगा
इस यात्रा का शुभारंभ 27 अप्रैल को प्रातः 8 बजे देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा हरी झंडी दिखाकर स्वयंसेवकों की टोली को रवाना करेंगे जिसका नेतृत्व युवा नेता हिमांशु चमोली और टीम द्वारा किया जायेगा।
इसके पश्चात भंडारा दल भानियावाला में जलपान और श्रीनगर स्थित आनंद इंटरनेशनल स्कूल में दोपहर भोजन करते हुए, शाम को गुप्तकाशी पहुंचेगा जहां रात्रि विश्राम और भोजन की व्यवस्था होगी। अगले दिन,
28 अप्रैल को तड़के गुप्तकाशी से उखीमठ के लिए प्रस्थान किया जाएगा, जहां प्रातः 7 बजे से भंडारे की सेवा आरंभ होगी। शाम को डोली के साथ पुनः गुप्तकाशी में भंडारे का आयोजन और रात्रि विश्राम होगा। 29 अप्रैल को प्रातः गुप्तकाशी में भंडारा सेवा के उपरांत दल फाटा के लिए प्रस्थान करेगा और वहां शाम को विश्राम करेगा। 30 अप्रैल की सुबह, फाटा में सेवा के बाद सभी सदस्य वाहनों के माध्यम से गौरीकुंड पहुंचेंगे, जहां से पदयात्रा कर बाबा केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान किया जाएगा। शाम को सभी सदस्य केदारनाथ पहुंचकर रात्रि भोजन करेंगे और वहीं विश्राम करेंगे।
1 मई को सुबह योग सत्र और स्वच्छता अभियान का आयोजन होगा। शाम को बाबा केदार की डोली का भव्य स्वागत और रात्रि भोजन के साथ दिन का समापन होगा। 2 मई को प्रातः बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने के पावन अवसर पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रदेश और देश के सुप्रसिद्ध कलाकारों द्वारा भक्ति गीतों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की झलक देखने को मिलेगी। इस दिन सभी श्रद्धालुओं हेतु विशाल भंडारे की व्यवस्था की जाएगी, जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के कर कमलों द्वारा होगा।
वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नें कहा”यह आयोजन उत्तराखंड की आध्यात्मिक विरासत और युवा शक्ति के समर्पण का प्रतीक है। सेवा के माध्यम से सामाजिक एकता, सांस्कृतिक गर्व और पर्यटन को नया आयाम मिलता है। बाबाकेदारनाथ की कृपा से यह यात्रा हर वर्ष श्रद्धा का नया अध्याय जोडती है।”