जानकारी अनुसार देहरादून के एक बड़े निजी अस्पताल में मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है.
अब राज्य में अब ब्लैक फंगस को लेकर भी खतरा बढ़ गया है.
देश के कई राज्यों में एंट्री कर चुके ब्लैक फंगस ने अब देहरादून में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है. जानकारी के अनुसार देहरादून के एक बड़े अस्पताल में ब्लैक फंगस का एक मरीज मिला है, जबकि दूसरे मरीज की फिलहाल अस्पताल प्रबंधन जांच करवा रहा है. इस तरह देहरादून के एक ही अस्पताल में 2 मरीजों में से एक में ब्लैक फंगस की पुष्टि हो चुकी है.
यही नहीं देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में भी एक ब्लैक फंगस का संदिग्ध मरीज मिला है.
जिसका चिकित्सक उपचार कर रहे हैं.
साथ ही उसकी स्थिति पर भी निगरानी रखी जा रही है.
फिलहाल मरीज को ईएनटी डिपार्टमेंट देख रहा है. इस तरह प्रदेश में एक मरीज में पुष्टि हो चुकी है जबकि दो ब्लैक फंगस के संदिग्ध मरीज है.
म्यूकोरमायकोसिस संक्रमण को ‘ब्लैक फंगस’ कहते हैं यह बीमारी कोरोना पीड़ित उन मरीजों को हो रही है जिन्हें डायबिटीज है. यह बीमारी मस्तिष्क, फेफड़े और त्वचा को भी प्रभावित करती है.
दुर्लभ किस्म की यह बीमारी आंखों में होने पर मरीज की रोशनी भी खत्म कर दे रही है. आईसीएमआर ने बताया है कि यह शरीर में बहुत तेजी से फैलता है.
क्या है ब्लैक फंगस?
आईसीएमआर के मुताबिक, ब्लैक फंगस एक दुर्लभ तरह का फंगस है. यह फंगस शरीर में बहुत तेजी से फैलता है. यह इंफेक्शन उन लोगों में देखने को मिल रहा है जो कि कोरोना संक्रमित होने से पहले किसी दूसरी बीमारी से ग्रस्त थे. यह उन्हीं लोगों में देखने को मिल रहा है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है.
क्याहैं लक्षण?
यह संक्रमण ज्यादातर उन्हीं मरीजों में देखने को मिला है जो कि डायबिटीज से पीड़ित हैं. ऐसे मरीजों को डायबिटीज पर कंट्रोल रखना चाहिए. विशेषज्ञों के मुताबिक ब्लैक फंगस के कारण सिर दर्द, बुखार, आंखों में दर्द, नाक बंद या साइनस के अलावा देखने की क्षमता पर भी असर