आप का “सेल्फी विद टेंपल” अभियान शुरु,जनता से अपील अपने आसपास के मंदिरों की फोटों करें साझा – आप

*”सेल्फी विद टेंपल” अभियान से मिलेगी सभी स्थानीय मठ मंदिरों को पहचान – आप*

*आध्यात्मिक राजधानी के डिजिटल प्लेटफार्म पर मिल रहा जनता का अपार समर्थन,4 दिनों में 24 हजार पहुंचा रजिस्टर्ड लोगों का आंकडा – नवीन पिरशाली,आप प्रदेश प्रवक्ता*

*4 दिनों में 22,976 लोगों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव,सुझावों के आधार पर शुरु किया सेल्फी विद टेंपल अभियान – नवीन पिरशाली,आप प्रदेश प्रवक्ता*

 

 

आप प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने आज एक प्रेसवार्ता का आयोजन करते हुए कहा कि आध्यात्मिक राजधानी की सफल वेबसाइट लॉन्च के बाद अब आप पार्टी अपना नया अभियान सेल्फी विद टेंपल शुरु करने जा रही है। इस अभियान के माध्यम से आम आदमी पार्टी उत्तराखंड की जनता से अपील करती है कि, आपके गांव ,शहर, मोहल्ले में जहां कहीं भी आपके ईष्ट देवता ,मंदिर या पौराणिक देव स्थल हैं उसकी जानकारी जनता सेल्फी विद टेंपल के जरिए हमसे साझा करे ,जो उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने कहा कि ,इस अभियान के जरिए हर उस मंदिर और पौराणिक स्थल का महत्व अन्य लोगों तक पहुंच सकेगा ,जिनसे लोग आज तक अंजान हैं और इससे सभी मंदिरों और पौराणिक स्थलों को नई पहचान भी मिलेगी।

उन्होंने आगे कहा कि, आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देवभूमि को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की घोषणा की थी ,उसके बाद कर्नल कोठियाल ने कैसे देवभूमि को आध्यात्मिक राजधानी बनाएंगे इसकी रूप रेखा 4 दिन पहले 11 सितंबर को मीडिया के जरिए सबके सामने रखी थी । इसके तहत आप पार्टी ने एक वेबसाइट लॉन्च की ,जिसके जरिए आप पार्टी ने जनता से जुड़ कर उनके सुझाव भी मांगे थे।

उन्होंने बताया कि, पिछले 4 दिनों में इस डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए 24000 से ज्यादा लोग आप पार्टी की मुहिम से जुड़ चुके हैं और 22976 लोगों द्वारा सुझाव साझा किए गए हैं। उन्हीं महत्वपूर्ण सुझावों पर अमल करते हुए आप पार्टी सेल्फी विद टेंपल अभियान शुरु करने जा रही है।

इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस बीजेपी दोनों ही पार्टियों से सवाल करते हुए पूछा कि जब से अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की घोषणा की तभी से ये दोनों दल गाली बरसाने का काम कर रहे हैं। क्या ये दोंनों ही दल ये बताएंगे कि, आखिर इनको तकलीफ किस से है? क्या इनको हिन्दुओं से तकलीफ है? इनको देवभूमि को आध्यात्मिक राजधानी बनाने से तकलीफ है? या इनको आध्यात्मिकता से तकलीफ है? बीजेपी को आडे हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि ये वही बीजेपी है जिसने मां गंगा का अपमान किया,जिसने देवस्थानम बोर्ड पर तीर्थ पुरोहितों के अधिकारों का हनन किया और चारधाम यात्रा आजतक शुरु नहीं होने से आज हजारों लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है।

नवीन पिरशाली ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की बात कह रहे हैं,यह अच्छी बात है कि आम आदमी पार्टी प्रदेश में जो घोषणाएं कर रही है बीजेपी उन्हीं की नकल कर रही है लेकिन नकल के लिए भी अक्ल की जरुरत होती है।लेकिन प्रदेश की जनता इस बात से भली भांति परिचित है कि बीजेपी के पास जुमेलबाजी के अलावा कोई विजन नहीं है।

इसके साथ ही उन्होंने हरीश रावत पर भी तंज कसते हुए कहा कि, हरीश रावत कह रहे हैं की आप कभी इस राज्य को तो कभी उस राज्य को आध्यात्मिक राजधानी बना दो। आप पार्टी अपनी देवभूमि उत्तराखंड को ही आध्यात्मिक राजधानी बनाएगी। हरीश रावत इस बात का जवाब दें कि, जब जनता इस पहल का समर्थन कर रही है तो उन्हें उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने से क्यों परहेज है। क्या हरीश रावत उत्तराखंड प्रेमी नहीं है। क्या उत्तराखंड से हरीश रावत का ऐसा बयान देना विश्वासघात नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि, उत्तराखंड आध्यात्मिक राजधानी जरुर बनेगी और ये अभियान उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने में एक बडा कदम साबित होगा । आप पार्टी प्रदेश की जनता से अपील करते हैं कि इस अभियान में आप पार्टी को अपना सहयोग दें, ताकि ये अभियान हर हाल में सफल होते हुए उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाया जा सके।

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