धाकड़ की एक बाउंसर से सुर बदल गये हैं अगर धाकड़ नें दो चार बॉल और कसकर फेंक दी तो रिटायर हर्ट होने का चांस भी नही मिलेगा……..

 

अखिलेश डिमरी लिखते हैं हरदा के लिए कि अब आपके मन में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में अध्यक्षों की नियुक्ति पर जो अफसोस है उस पर बात कि आदरणीय हरदा चलिए मान लिया कि जब आर बी एस रावत को आपने आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया तब आपको बकौल आपके किस क्षण गलती हो जाये या अकर्मण्यता की भविष्यवाणी नही हो सकती …! बिल्कुल सही बात है भले ही पास में वो घोड़े की मूर्ति हटाने मुट्ठियों में चावल पकड़ाने वाला नजूमी ही क्यों न बैठा हो पर किसी के कर्मपत्र को बाँचना नजूमियों का काम थोड़े ही होता है…!

 

पर हरदा एक बात का शक शंका मन में है कि इस रावत जिसे कि आपने आयोग का अध्यक्ष बनाया था उसके द्वारा की गई भर्तियों में घपले घोटाले को लेकर आपके ही कार्यकाल में एक विजिलेंस जांच हो गयी थी जिसमें संभवतया आर बी एस रावत के सारे कच्चे चिठ्ठे दर्ज हुए होंगे, लेकिन आपने उस जाँच को कभी सर्वाजनिक करने की बात नहीं की आपने भर्ती घोटालों पर तमाम हो हल्ले के बाद भी कभी उस विजिलेंस रिपोर्ट का जिक्र नहीं किया, क्यों….?

अब बात आपके उस बयान की कि कोई अफसर बाद में अकर्मण्य हो जाये इसकी भविष्यवाणी नहीं कि जा सकती तो हरदा जिस दूसरे अफसर को आपने आयोग का अध्यक्ष बनाया उसपर तो इस देश के माननीय सर्वोच्च न्यायालय की स्पष्ट टिप्पणी है जिसे आपने नजरअंदाज किया , यहाँ तक कि उस उसके इस्तीफे के बाद आपका सबसे आश्चर्यजनक बयान आया कि उसकी प्रतिष्ठा की रक्षा नहीं हो पायी, भविष्य तो छोड़िए भूतकाल और वर्तमान को देख कर भी आप उसके अध्यक्षीय काल में छले गये युवाओं के बजाय उसकी प्रतिष्ठा की चिंता में मायूस हुए जा रहे थे।

आज जब सूबे के नौजवानों के साथ भर्तियों के नाम पर हुआ अन्याय स्प्ष्ट दिख रहा है, दोषी अंदर किये जा रहे हैं तो आप सोशल मीडिया पर माफी मांग रहे हैं ….? हुजूर आपका ये अंदाज भी आपको मुबारक लेकिन हमें अंदाजा है कि माफी मांगने और तारीफ करने के पीछे आपका असल मकसद क्या है…?

हरदा …! वो मसूरी और नैनीताल के वाई फाई याद हैं …? अरे वही जिनका आपने उद्घाटन भी कर लिया था बोले तो वही जिनके संचालन के लिए BSNL से बैंडविड्थ भी खरीदी गई थी , जरा बताना तो आजकल।नैनीताल और मसूरी में क्या हाल चाल है उस वाई फाई के …? कितने दिन चला …? उस बैंडविड्थ पर कितने लाग इन हुए….? अब जब ये मामला भी खुलेगा तो उसकी माफी के लिए भी पोस्ट तैयार कर लीजिए क्या पता कब काम आ जाये । वैसे भी पिछले दो दिन से धाकड़ गेंदबाजी हो रही है किस किस बैट्समैन की गिल्लियां उछल सकती हैं इसका अंदाजा तो आपको भी होगा ही।

वो क्या है हरदा कि आपकी माफियों और तारीफों का मकसद बड़ा खास होता है , और आपके इस अंदाज पर खिदमत में एक शेर अर्ज है कि-

जी बहुत चाहता है सच बोलें,
क्या करें हौसला नहीं होता।
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी,
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता।

बाकी होए वही जो राम रचि राखा।

 

अखिलेश डिमरी जी के फेसबुक वॉल से 

 

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