उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत लिखते हैं कि
उत्तराखंड और उत्तराखंड की नियोजित पत्रकारिता धन्य हो। मामला था एक सिंडिकेट और सुनियोजित तरीके से राज्य की राजकीय सेवाओं में धन लेकर लोगों को भर्ती कर रहा था, एक गंभीर रोग और अब सारा उत्तराखंड सिमट आया है विधानसभा में नियुक्तियों को लेकर.
मैं मुख्यमंत्री के बयान की सराहना करता हूं। सारी नियुक्तियों की जांच होनी चाहिए और मैं मुख्यमंत्री जी से आग्रह करना चाहूंगा कि इन नियुक्तियों की अपने स्तर पर भी स्कैनिंग करें जो नियुक्ति नियम और विधि विधान के विरुद्ध हुई है, उन नियुक्तियों को विधानसभा प्रस्ताव पारित करके कैंसिल करे ताकि किसी भी अध्यक्ष को भविष्य में इस तरीके के दर्द कदम उठाने की हिम्मत न पड़े। बहुत सारे लोग कि मैं चुप क्यों हूँ, इसको चीख-चीखकर के कह रहे हैं जैसे इस समय जो माफिया तंत्र सिंडिकेट राजकीय सेवाओं की बिक्री कर रहा है, वह प्रमुख अपराधी नहीं है बल्कि जो है फोकस हरीश रावत पर होना चाहिए। मैं उन सब पत्रकारों को चुनौती देकर के कहना चाहता हूं कि मेरे इतने साल के सार्वजनिक जीवन में एक ऐसा व्यक्ति बता दीजिए मेरे परिवार, मेरे नातेदार व मेरे रिश्तेदार जिसको मेरे प्रभाव के कारण नौकरी दी गई! मैंने मदद जरूर की है। लेकिन मैंने नौकरी में किसी के हक को नहीं मारा है, विधानसभा में भी जिसको प्रेमचंद अग्रवाल जी ने कहा है कि परंपरा है मैंने उसका पालन किया है। मैंने उस परंपरा का भी कभी फायदा नहीं उठाया। यदि है कोई ऐसा व्यक्ति तो बताएं। मैं अपने पार्टी के महत्वपूर्ण कार्य से दिल्ली में हूं। हमारी पार्टी के सामने बहुत चुनौतीपूर्ण स्थितियां हैं और मुझे जो कुछ भी भर्ती घोटाले पर कहना था, मैं कह चुका हूं। मैं ऐसा नहीं चाहता कि भर्ती घोटाला मामला तो कहीं और चला जाए, और दंड मिल जाए उन लोगों को जो लाइन लगाकर के नौकरी के लिए खड़े हैं। यदि फिर भी कुछ दोस्त कुछ कहना चाहते हैं तो मैं आज 02:30-03:00 बजे की फ्लाइट से देहरादून आ रहा हूं। 5:00 बजे मैं अपने आवास देहरादून में पहुंचूंगा, जिन लोगों को जो कुछ भी पूछना है, मैं उन सबको सादर आमंत्रित कर रहा हूं और यदि आज नहीं आ सकते हैं तो मैं कल उनको अपने आवास पर 11:30 बजे सादर आमंत्रित कर रहा हूं जो भी उनके प्रश्न होंगे, उन प्रश्नों का उत्तर दिया जाएगा और यह भी बताया जाएगा कि कुछ मामलों में यदि कम बोला जाए तो वह कैसे राज्य और विशेष तौर पर नौजवान जो नौकरी की लाइन में खड़े हैं उनकी मदद कर सकता है। मुझे अपनी राजनीति न ही चमकानी है। क्योंकि मैं किसी चैनल में नहीं हूं कि जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ बनानी है। मैं ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहता हूं जिससे नौजवानों की कमर टूटे।