पीएम मोदी जी आपके
उत्तराखण्ड में हो गया सहकारिता बैंक भर्ती घोटाला विपक्ष से लेकर बोल रहा है युवा
सहकारिता विभाग मंत्री धन सिंह से जांच आने तक लिया जाए वापस (उन्हें नैतिकता के आधार पर खुद ही छोड़ देना चाहिये मंत्री पद!)
उत्तराखण्ड में युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार बनते ही उनके आगे सहकारिता बैंक में भर्ती घोटाला का प्रकरण आग की तरह फैलता जा रहा है बात अब उत्तराखण्ड से निकलकर यूपी होते हुए दिल्ली तक चली गईं है
विपक्ष भी आरोप लगा रहा है कि सरकारी पक्ष इस मामले में लीपापोती कर रहा है
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने विधानसभा की सर्वदलीय जांच कमेटी बनाने की मांग की
साथ ही विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को तत्काल पद से हटाने की पैरवी भी की।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार इस भर्ती घोटाले के मुख्य सूत्रधारों को बचाने की कोशिश कर रही है।
वही गोदियाल ने कहा कि सरकार इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। यदि सरकार की नीयत साफ है तो पिछले पांच साल से सहकारिता विभाग देख रहे काबीना मंत्री डॉ. रावत को दोबारा यही विभाग क्यों दिया गया है?
जांच की निष्पक्षता के लिए उन्हें तत्काल इस विभाग से हटाया जाना चाहिए।
केंद्रीय स्तर पर बनने वाली संयुक्त संसदीय कमेटी (जेपीसी) की तर्ज पर विधानसभा की संयुक्त कमेटी बनाई जाए।
इसमें भाजपा, कांग्रेस, बसपा, निर्दलीय सभी विधायकों को शामिल किया जाए।
इस कमेटी की निगरानी में जांच होने पर ही दूध का दूध और पानी पानी का हो सकता है। यदि सरकार ने जल्द कदम न उठाया तो कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी। कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि में इस विषय में जल्द ही विधानसभा अध्यक्ष से भी मिलने जा रहा हूं। सहकारी बैंक भर्ती के साथ ही विधानसभा में की गई नियुक्तियों का मामला भी उनके सामने रखा जाएगा