देहरादून: उत्तराखंड में बाइस बैटल को लेकर चुनाव आचार संहिता की घोषणा हो चुकी है और इसी के साथ विपक्षी कांग्रेस का भाजपा पर हमला तीखा हो चुका है। एक छोर पर कांग्रेस नेता डबल इंजन की धामी सरकार पर आचार संहिता लगने के बाद लगे बैकडोर-बैकडेट तबादलोें व नियुक्तियोें को मुद्दा बनाकर हमला बोल रहे। तो दूसरे छोर पर कांग्रेस के कैंपेन कमांडर हरीश रावत कोरोना के चलते बने हालात में डिजिटल मीडिया का ज़बरदस्त इस्तेमाल कर रह डबल इंजन की धामी सरकार पर नित नया हमला बोल रहे।

अब हरदा ने जोर-शोर से हैशटैग गुडबाय भाजपा अभियान छेड़ दिया है। खास बात यह है कि हरीश रावत तीखे हमले बोल युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी को लेकर ‘खनन प्रिय मुख्यमंत्री’ का राजनीतिक नैरेटिव सेट करने में काफी आगे बढ़ चुके हैं लेकिन इसकी काट में सीएम धामी की एकाध प्रतिक्रिया से ज्यादा भाजपा की तरफ से ज़ोरदार काउंटर होता नजर नहीं आया है। यहाँ तक कि ‘खनन प्रिय मुख्यमंत्री’ का नारा आम आदमी पार्टी के सीएम चेहरे कर्नल कोठियाल को भी इतना रास आया कि वे भी लगातार धामी को ‘खनन प्रिय मुख्यमंत्री’ करार दे रहे हैं।

हरदा ने हैशटैग गुडबाय भाजपा कैंपेन शुरू कर डबल इंजन सरकार को बेरोज़गारी, महंगाई और कोरोना महामारी में फेल रहने से लेकर कुंभ में टेस्टिंग घोटाले को लेकर घेरा है। हरदा ने कहा है, ‘आज स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री तो बदले, मगर उत्तराखंड को मिला एक खनन प्रेमी मुख्यमंत्री, जिसने सारे गाड़-गधेरे, नदी-नाले धदोड़ डाले या जो कुछ इस समय ट्रांसफर, पोस्टिंग में यहां तक कि आचार संहिता लागू होने के बाद भी हो रहा है, उसको देखकर के मन करहा रहा है, दुर्गंध आ रही है पुरे सचिवालय में भ्रष्टाचार की। कहा जा रहा है कि 5 प्रतिशत ऊपर जाता है प्रत्येक कुंतल बजरी-बालू पर तो ये कैसा निजाम है! ये कैसी डबल इंजन की सरकार है! अब उत्तराखंड कह रहा है गुड बाय भाजपा, गुड बाय डबल इंजन।’

हरीश रावत यहीं नहीं रुके बल्कि अपने सियासी तरकश से और भी कई धारदार तीर डबल इंजन सरकार और सीएम पुष्कर सिंह धामी पर चलाए हैं।

हूबहू पढ़िए पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर क्या लिखा
#GoodByeBJP
पिछले पांच साल में उत्तराखंड का अनुभव बहुत ही कष्टपूर्ण रहा है, अपमान जनक रहा है। विकास ठप्प और बेरोजगारी चरम पर, महंगाई की मार से अलग पीड़ित और कोरोना की महामारी के दौरान लोगों को यूं ही मरने के लिए छोड़ दिया और कुंभ में टेस्टिंग घोटाला कर पैसा कमाने में लगे रहे। मुख्यमंत्री बदले मगर, राज्य के भाग्य को बदलने के विषय में कुछ भी नहीं सोचा गया।
आज स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री तो बदले, मगर उत्तराखंड को मिला एक खनन प्रेमी मुख्यमंत्री, जिसने सारे गाड़-गधेरे, नदी-नाले धदोड़ डाले या जो कुछ इस समय ट्रांसफर, पोस्टिंग में यहां तक कि आचार संहिता लागू होने के बाद भी हो रहा है, उसको देखकर के मन करहा रहा है, दुर्गंध आ रही है पुरे सचिवालय में भ्रष्टाचार की। कहा जा रहा है कि 5 प्रतिशत ऊपर जाता है प्रत्येक कुंतल बजरी-बालू पर तो ये कैसा निजाम है! ये कैसी डबल इंजन की सरकार है! अब उत्तराखंड कह रहा है गुड बाय भाजपा, गुड बाय डबल इंजन।
अब जनता कह रही है, उत्तराखंड के गाड़- गधेरे, डांडे-कांडे, नदी-नाले, गंगा-यमुना कह रही है, चारों धाम व मंदिर कह रहे हैं, ग्वेल देवता, घंडियाल देवता कह रहे हैं, भूमिया देवता कह रहे हैं, भाजपा गुड बाय।
“जय उत्तराखंड-जय उत्तराखंडियत”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here