*अभिनव थापर की मुहिम पर निजी अस्पताल ने लौटाए दो लाख रुपये !*
*अभिनव थापर के ” लड़ाई अभी बाकी है, हिसाब अभी बाकी है ” अभियान के तहत देहरादून के निजी अस्पताल ने लौटाई 2 लाख की राशि ।*
देहरादून।
कोरोना महामारी में निजी अस्पतालों की ओर से मचाई गई लूट के खिलाफ देहरादून निवासी अभिनव थापर की ओर से चलाए गए अभियान ” लड़ाई अभी बाकी है, हिसाब अभी बाकी है” मुकाम पर पहुंचने लगा है। अभियान के माध्यम से इंदिरापुरम, जी एम एस रोड, देहरादून निवासी सुधा अग्रवाल को देहरादून के एक निजी अस्पताल ने दो लाख रुपये (2,00000) लौटाए हैं। इसके लिए दिल्ली निवासी दीपाली बंसल ने अपने मायके देहरादून आ कर अभिनव थापर को अपने परिवार सहित धन्यवाद दिया है।
दीपाली बंसल ने बताया कि जीएमएस रोड स्थित इंद्रापुरम, देहरादून निवासी उनके पिता कोरोना संक्रमित होने के बाद शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस दौरान उपचार के दौरान लाखों रुपये का बिल की वसूली की गई और 29 अप्रैल को उनके पिता जी का स्वर्गवास हो गया था । मैने उनका नाम कोरोनो काल मे मददगार के रूप में सुना था किन्तु अक्टूबर में समाचार चैनलों और सोशल मीडिया के माध्यम से अभिनव थापर के इस अभियान की मुझे जानकारी मिली तो ट्विटर के माध्यम से उनसे संपर्क किया और अभिनव थापर के इस अभियान से जुड़ने के बाद उन्होंने मेरी बहुत मदद करी और मुझे उस अस्तपाल ने 20 दिसंबर को दो लाख रुपये वापस किए। मै आजतक उनसे मिली भी नहीं थी, फिर भी उन्होंने मेरी इतनी बड़ी मदद कर दी, इसीलिए मैं उनसे मिलने दिल्ली से देहरादून आयी और मेरी माता सुधा अग्रवाल, भाई गौरव व भाभी रुचि सबने अभिनव थापर को आशीर्वाद दिया और उनकी इस मुहिम को आगे बढ़ाने का प्रण लिया जिससे देहरादून व दिल्ली के उनके जानने वालों को भी मदद मिल सके ।
सुप्रीम कोर्ट में पूरे भारत के लगभग 1 करोड़ कोरोना मरीजों के बिल वापसी के लिये जनहित याचिका के माध्यम से संघर्ष कर रहे अभिनव थापर ने कहा कि हमारे कोरोना पीड़ितों से बिल एकत्रित करने के लिये देश भर में “लड़ाई अभी बाकी है, हिसाब अभी बाकी है” अभियान को मीडिया, घर-घर पर्चों और नुक्कड़ नाटक समेत विभिन्न माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। चूंकि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है अतः बिल एकत्रित करने के लिये ” लड़ाई अभी बाकी हिसाब है, हिसाब अभी बाकी है ” अभियान के तहत हमारी हर संभव न्यायसंगत कोशिश रहेगी कि हर नागरिक को उनसे हस्पतालों द्वारा लूटे हुए पैसे की वापसी के संबंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया जा सके। दीपाली बंसल के स्वर्गीय पिता के केस को मैंने CMO से निवेदन किया कि निजी अस्पतालों के द्वारा कोरोना काल में जनता से की गई लूट को गाइडलाइन का पालन करते हुए जनता का पैसा जनता तक पहुंचाने में उचित कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास देश के अधिक से अधिक लोगों तक यह अभियान पहुंचाना है। इस प्रयास में उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज उप्रेती व डॉ निधि रावत के विशेष प्रयासों के लिये धन्यवाद किया ।
*कोरोना बिल एकत्रित अभियान – ” लड़ाई अभी बाकी है – हिसाब अभी बाकी है” की हेल्पलाइन-*
उत्तराखंड के सभी कोरोना पीड़ितों के लिये हेल्पलाइन नम्बर व ईमेल जारी किया, जिसपे कोई भी निवासी अपने या अपने दोस्त/रिश्तेदारों/जानकारों के private हॉस्पिटल, दवाई के बिल, कोरोना की रिपोर्ट व डिस्चार्ज summary – whatsapp या ईमेल कर सकते है:
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