*-पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र ने कुमाऊं दौरे के तीसरे दिन की शुरुआत अल्मोडा स्थित न्याय के देवता “गोल्ज्यू महाराज” के दर्शन से की।*
*-पार्टी की रीढ़ हमारे कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत और त्याग का ही परिणाम है कि गत वर्षों में हमारी पार्टी मजबूत हुई है: त्रिवेन्द्र*
*-पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र ने कोसी के उद्गम स्थल काटली में किया प्रतीकात्मक वृक्षारोपण बोले हम अपने संकल्प पर अडिग है, पर्यावरण की सुरक्षा हम सबका दायित्व।*
*-इस संकटकाल में हम जरूरतमंदों को ना ही रक्त की कमी होने देंगे और ना ही ऑक्सीजन की: त्रिवेन्द्र*
अल्मोड़ा। कुमाऊं दौरे के तीसरे दिन आज पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दिन की शुरुआत अल्मोडा स्थित न्याय के देवता “गोल्ज्यू महाराज” के मंदिर में पूजा अर्चना से की। उन्होंने गोल्ज्यू महाराज से सभी की खुशहाली की मंगल कामना की। इसके बाद उन्होंने मंदिर परिसर में वृक्षारोपण किया।
इसके बाद पूर्व सीएम भारतीय जनता पार्टी अल्मोड़ा अल्पसंख्यक मोर्चा के मंडल अध्यक्ष स्व० फहीम अहमद के आवास पर गए जहां उन्होंने उनके परिजनों से मिलकर ढ़ाढंस बंधाया एंव दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। पूर्व सीएम ने कहा कि पार्टी की रीढ़ हमारे कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत और त्याग का ही परिणाम है कि गत वर्षों में हमारी पार्टी मजबूत हुई है। उन्होंने फहीम के निधन को अत्यंत दुःखद बताया और कहा कि इस कठिन समय में उनके परिजनों से साथ हम खड़े हैं।
इसके बाद पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा के लिए रवाना हुए जहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की स्मृति में आयोजित रक्तदान शिविर में शामिल होकर रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन किया। उसके बाद उन्होंने वहां स्थापित किए गए ऑक्सीजन प्लांट का भी निरीक्षण किया। और कहा कि इस संकटकाल में हम जरूरतमंदों को ना ही रक्त की कमी होने देंगे और ना ही ऑक्सीजन की।
जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा कार्यक्रम के बाद पूर्व सीएम कोसी नदी के उद्गम स्थल काटली पहुंचे जहां उन्होंने स्थानीय लोगों व कार्यकर्ताओं के साथ प्रतीकात्मक वृक्षारोपण किया, वृक्षारोपण में बांझ, बुरांश,भीमल, तेजपत्ता इत्यादि के पौधे थे। उन्होंने कहा कि 2018 में लोकपर्व हरेला पर हमने व्यापक वृक्षारोपण किया जिसमें मात्र 01 घंटे में लगभग सवा लाख पौधों का वृक्षारोपण किया गया। इस पुनीत कार्य में 13 हजार लोगों ने सहयोग किया। नदियों के पुनर्जीवन की दृष्टि से यह एक ऐतिहासिक दिन था कोसी में शुरुआत करने के बाद हमने देहरादून स्थित रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया। मिशन “रिस्पना से ऋषिपर्णा” वहां भी हमने हमने लाखों वृक्षों को रोपा जिसके कारण आज रिस्पना नदी के किनारे हरियाली सी दिखने लगी है।
पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोसी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए मुख्यत: जेएस रावत जी और पूर्व में यहां के जिलाधिकारियों तथा अल्मोड़ा वासियों का मैं बहुत-बहुत आभार प्रकट करता हूं जिनके अथक प्रयासों से आज कोसी के किनारे हरियाली देखने को मिल रही है और निश्चित रूप से पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन की दिशा में हमारे द्वारा उठाया गया यह कदम भविष्य में आने वाली पीढ़ी को याद दिलाएगा।
पूर्व सीएम ने कहा कि भविष्य में ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए हमें अधिक से अधिक वृक्ष लगाने होंगे। इसलिए हमने एक संकल्प लिया है कि आगामी लोकपर्व हरेला पर हम 01 लाख वृक्ष लगाएँगे जिनमें पीपल, बरगद, गूलर इत्यादि के वृक्ष शामिल होंगे।
पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र का जगह-जगह पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्तओं से लेकर स्थानीय जनता ने जोरदार स्वागत किया।