पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का भाजपा पर खतरनाक आरोप : कुंभ के दौरान घोटाला न हो तो भाजपा की पहचान कैसे बनेगी? हरीश रावत के हाथ आया 2022 का सबसे बड़ा चुनावी मुदा ! क्योंकिं बात कंलकपूर्ण वाक्य की जो है बोले हर दा
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लिखते है
.कुंभ के दौरान घोटाला न हो तो भाजपा की पहचान कैसे बनेगी? कांग्रेस के समय में दो अर्धकुंभ हुये, दोनों में शानदार व्यवस्था रही व विकास के काम आगे बढ़े और भाजपा के शासन में कुंभ का आयोजन हुआ तो जांच पर जांचें बैठी।
भ्रष्टाचार से लिप्त नेताओं की कारगुजारियां आज भी सरकारी फाइलों में बन्द पड़ी हैं और अब एक बहुत ही कंलकपूर्ण वाक्या हो गया कि हमने लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर दिया।
नकली टेस्टिंग, एक बड़ा फर्जीवाड़ा, दुनिया हमसे क्या कहेगी!
और दोनों पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री, किसके कार्यकाल में ये घोटाला हुआ, उसको लेकर के सार्वजनिक व्यकतव्य दे रहे हैं और भाजपा का नेतृत्व चुप्पी साध करके बैठा हुआ है,
जो भाजपा कहती थी कि कांग्रेस में झगड़ा है। अरे हम तो लोकतांत्रिक पार्टी हैं, हममें मतभेद स्वभाविक हैं। आप तो एक नेता, एक पार्टी, एक विचारधारा व एक सोच वाले हो, आपमें ये मतभेद क्यों हो रहे हैं? भाजपा की एकता की हड्डियां भी फूट गई। लेकिन भाजपा की एकता की हड्डियाँ फूटे या न फूटे, मगर मेरे राज्य की प्रतिष्ठा पर जरुर बड़ी गहरी चोट लगी है, ऐसे लोगों को केवल कुछ लेबोरेटीज आदि पर अफायर करके नहीं ढका जा सकता है, जो दोषी हैं वो सामने आने चाइये और इसमें हाईकोर्ट की सीटिंग जज की जांच ही केवल सत्य को सामने ला सकती है।