उत्तराखंड में कोरोना जांच फर्जीवाड़ा : C.M T.S .R. पर 302 के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज करने की भी मांग होने लगी है पूरी रिपोर्ट
कोरोना जांच फर्जीवाड़ा :
25 जून को हरिद्वार में गंगा तट पर उपवास के साथ कांग्रेस का प्रदेशव्यापी आंदोलन का एलान
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की बेबाक भाजपा हिंदू धर्म व सनातन परंपरा की ठेकेदार बनती है,
ओर उसके राज में ही महाकुंभ 2021 में कोरोना महामारी में जांच में फर्जीवाड़े का महापाप
हरिद्वार कुंभ में कोरोना जांच में हुए फर्जीवाड़े पर कांग्रेस ने तीरथ सरकार को जांच के लिए 24 तारीख तक का अल्टीमेटम दिया है।
फिर इसके बाद कांग्रेस 25 जून को हरिद्वार में गंगा तट पर उपवास के साथ प्रदेशव्यापी आंदोलन का आगाज करेगी
हरिद्वार कुंभ के दौरान कोरोना जांच में अनियमितता, दो लैब को हो चुका तीन करोड़ का भुगतान
इस पूरे मामले में कांग्रेस ने मामले का पर्दाफाश करने के लिए हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में न्यायिक जांच करवाने की मांग की
इसके साथ ही कोरोना काल में हुई मौतों पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री पर 302 के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की ।
सरकार के मुखिया व पूर्व मुखिया इस घोटाले को स्वीकार कर चुके हैं और दोषारोपण एक दूसरे पर कर रहे हैं। कोरोना जांच घोटाला एक राष्ट्रद्रोह से कम नहीं है। इसमें लिप्त सभी लोगों का पर्दाफाश व उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
हरिद्वार मेें कैसे घट गई संक्रमण दर
प्रेस वार्ता में प्रीतम ने सवाल उठाया कि 1 अप्रैल को हरिद्वार जिले की संक्रमण दर पूरे उत्तराखंड के 12 जिलों के संक्रमण दर से 75 प्रतिशत कम थी,
2 अप्रैल की यह अंतर 20 प्रतिशत, 4 अप्रैल को 85 प्रतिशत कम थी। 5 अप्रैल को 82 प्रतिशत व 6 अप्रैल को फिर 85 प्रतिशत कम थी।
कुल मिलाकर पूरे अप्रैल के महीने हरिद्वार जहां सरकारी दावे के अनुसार महाकुंभ स्नान के लिए करीब 70 लाख श्रद्धालु आए, वहां कोरोना संक्रमण संक्रमण दर उत्तराखंड के अन्य जनपदों की तुलना में 80 प्रतिशत कम रही, जो आश्चर्यजनक था। लेकिन, मेला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग या सरकार किसी ने भी इस पर गौर नहीं किया।
ये भी उठाए सवाल
-बिना आईसीएमआर के अनापत्ति व मान्यता वाली कंपनी को कैसे दे दिया गया जांच का काम?
– मैक्सवेल सर्विस और दो लैब्स नलवा व लाल चंदानी के बीच एक एमओयू के आधार पर क्यों दे दिया गया महाकुंभ में कोरोना की जांच का काम।
– हरिद्वार में इस बीच जो 314204 टेस्ट हुए,
उसमें केवल 18312 लोग पॉजिटिव आए,
यानी संक्रमण दर 5.83 प्रतिशत थी, जबकि अन्य जनपदों में इस अवधि में 1071142 लोगों के टेस्ट हुए, जिनमें 138616 लोग पॉजिटिव आए, यानी संक्रमण दर 12.94 प्रतिशत रही।
– इन तथ्यों से यह स्पष्ट है कि जिस जगह (हरिद्वार) में पूरे देश के अलग अलग प्रांतों से लोग आए, वहां संक्रमण दर 55 से 85 प्रतिशत कम आना ही अपने आप में सारी जांचों को कठघरे में खड़ा कर रहा है।