उत्तराखंड में तीरथ सरकार के मंत्रियों के बयान असमंजस पैदा करने वाले हैं. स्थिति यह है कि तमाम मुद्दों को लेकर सरकार के मंत्रियों और नेताओं में आपसी सामंजस्य नहीं बनता दिखाई देता है
वही विपक्ष पूरे घटनाक्रम को मंत्रियों की एक दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ से जोड़ रहा है.
उत्तराखंड के तीरथ सरकार के मंत्रियों की बयानबाजी चर्चाओं में रही है. एक मंत्री कुछ बयान देता है तो दूसरा उसके ठीक उलट. राज्य में ऐसी स्थिति के कारण हालात ऐसे बन गए हैं कि कई मामलों पर लोग असमंजस में आ जाते हैं कि आखिरकार सही कौन कह रहा है और गलत कौन?
ऐसा ही मामला कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से जुड़ा है, जिन्होंने कहा कि हरिद्वार में इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्थापित किया जाएगा. उधर दूसरी तरफ सरकार के ही स्वास्थ्य के प्रवक्ता ने यह कहकर सतपाल महाराज के इस बयान को झुठला दिया कि सरकार के पास इंटरनेशनल एयरपोर्ट हरिद्वार में स्थापित करने को लेकर कोई प्रस्ताव ही नहीं है. राज्य में ऐसा एक मामला ही नहीं है ऐसे कई मामले हैं जिनमें सरकार के मंत्री और नेता अलग-अलग बयान देते हुए नजर आए हैं.
आम लोगों के बीच चर्चा में रहा एक ऐसा ही बयान मदन कौशिक का भी रहा जिन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद 8 जून से पहले व्यापारियों को रियायत देने की बात कह दी. लेकिन इसके ठीक बाद ही सरकार के साथ प्रवक्ता ने साफ कर दिया कि 8 जून से पहले कोरोना कर्फ्यू में किसी तरह की कोई भी ढील नहीं दी जाएगी. हालांकि इस मामले पर सरकार के शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल कहते हैं कि सरकार और संगठन का अलग-अलग काम होता है और सरकार आंकड़ों के आधार पर काम करती है, लिहाजा सरकार के बयान स्थितियों के लिहाज से दिए जाते हैं.
राज्य में असमंजस की स्थिति फैला रहे मंत्रियों के ऐसे बयान विपक्ष के लिए मुद्दा भी बनते दिखाई दे रहे हैं. कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी कहते हैं कि सरकार के मंत्री एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए बयानबाजी में जुटे हैं. जबकि कोरोना के इन हालातों में भी सरकार और उनके मंत्रियों को लोगों की कोई चिंता नहीं है.