ब्लैक फंगस पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर धस्माना ने लगाया सरकार पर कोरी घोषणा करने का आरोप :इंजैक्शन ही नहीं तो महामारी से लड़ने की तैयारी का ढोंग क्यों-धस्माना

    ब्लैक फंगस पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर धस्माना ने लगाया सरकार पर कोरी घोषणा करने का आरोप

इंजैक्शन ही नहीं तो महामारी से लड़ने की तैयारी का ढोंग क्यों-धस्माना

देहरादून: प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आज राज्य के मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत को पत्र भेजकर उनसे कहा कि जब राज्य में ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के उपचार के लिए आवश्यक दवा व इंजिक्शन उपलब्ध ही नहीं है तो सरकार इसे बाकायदा महामारी घोषित करने का ढोंग क्यों कर रही है। विदित हो कि कल इसी मुद्दे पर विभिन्न अस्पतालों में ब्लैक फंगस का इलाजे करवा रहे मरीजों के तीमारदारों ने श्री धस्माना से इंजैक्शन न मिलने की शिकायत की तो श्री धस्माना सीएमओ दफ्तर में नोडल अधिकारी के यहां पहुंचे और नोडल अधिकारी डॉक्टर कैलाश गुंज्याल ने उन्हें बताया कि चार दिन पहले 20 इन्जैक्शन आये थे जो खत्म हो हो गए थे उसी दिन अब इंजैक्शन नहीं हैं तीन दिनों से इस बात पर नाराज़ धस्माना सीएमओ के दफ्तर में ही धरने पर बैठ गए और फिर डीजी हैल्थ डॉक्टर तृप्ति बहुगुणा द्वारा दो तीन दिन में इंजैक्शन आने के आश्वासन के बाद वे धरने से उठे।

आज मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में श्री धस्माना ने मुख्यमंत्री को कहा कि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी आपका ध्यान पोस्ट कोविड मरीजों में पाए जाने वाले ब्लैक व व्हाइट फंगस के उपचार व बीमारी के इलाज के लिए मरीज को दिए जाने वाले इंजैक्शन की अनुपलब्धता की ओर आकृष्ट करना चाहती है। जैसा कि राज्य सरकार ने ब्लैक फंगस को भी महामारी घोषित कर दिया है और इसकी दवा तथा इंजैक्शन के लिए नोडल अधिकारी की तैनाती व मरीज को उपलब्ध कराई जाने हेतु प्रक्रिया की एसओपी भी जारी कर दी है किंतु हकीकत यह है कि जारी की गई एसओपी से मरीज के तीमारदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और दूसरी परेशानी कि राज्य में आज पिछले तीन दिनों से इंजैक्शन उपलब्ध ही नहीं हैं और मरीज अस्पतालों में तड़प रहे हैं व मर रहे हैं और उनके तीमारदार दर दर भटक रहे हैं। कल दिनांक 22 मई को इसी कारण मुझे सीएमओ दफ्तर में धरने पर बैठना पड़ा। राज्य सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी तो घोषित कर दिया किन्तु उसके उपचार में इस्तेमाल होने वाला इंजैक्शन जो मरीज के वजन के प्रति दस किलो एक डोज़ की आवश्यकता पड़ती है राज्य भर में उपलब्ध ही नहीं है तो सरकार की क्या तैयारी है इस महामारी से लड़ने की यह बात समझ से परे है और ऐसा प्रतीत होता है कि तैयारी के नाम पर केवल ढोंग किया जा रहा है। इसी संबंध में राज्य के मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश का आज एक बयान प्रेस में छपा है जिसमें वे कह रहे हैं कि ब्लैक फंगस का इलाज निजी अस्पताल में नहीं होगा।

हमारा आपसे अनुरोध भी है और मांग भी है कि सरकार ब्लैक फंगस को केवल कागजों और घोषणाओं में महामारी न मान कर उसका उपचार महामारी के तौर पर करने के पुख्ता इंतजाम करे , राज्य में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए पर्याप्त दवाएं व इंजैक्शन की व्यवस्था कर व इसकी उपलब्धता उपचार करने वाले अस्पताल से ही करवाये। हमारा यह भी आग्रह है कि कोविड19 की दूसरी लहर को सरकार अभी समाप्त न माने व पर्वतीय जनपदों में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक टेस्टिंग करवाये।

हमें भरोसा है कि इस सम्बंध में आप तत्काल कार्यवाही कर संबंधित अधिकारियों को आदेशित करने का कष्ट करेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here