यूपी के हाथरस में दलित युवती के साथ हुई दरिंदगी पर पूरा देश आक्रोशित है। देश घटना की निंदा के साथ-साथ युवती की मौत पर दुख जताया रहा है। लेकिन इस घटना के बीच भी यूपी पुलिस देर रात शर्मनाक चेहरा सभी के सामने आया।

मंगलवार की देर रात जब युवती के शव को हाथरस ले जाया गया, तो तमाम विरोध के बाद भी पुलिस ने जबरन उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इतना ही नहीं, जब हाथरस की निर्भया की चिता जल रही थी। तब पुलिस के कई अधिकारी साइड में खड़े होकर बातें कर रहे थे और ठहाके लगा रहे थे। इससे साफ जाहिर होता है कि यूपी पुलिस इस मामले को लेकर कितनी असंवेदनशाल रही। एक ओर जहां पूरा देश यूपी पुलिस की नाकामियों को कोस रहा है, लोग हाथरस की निर्भया के लिए इंसाफ मांग रहे हैं तो दूसरी तरफ यूपी पुलिस इस तरह गप्पे लड़ा रही थी।

गैंगरेप का शिकार हुई दलित युवती की मौत मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हुई। देर रात को पुलिस की सुरक्षा के बीच युवती के शव को हाथरस के गांव ले जाया गया। जब पुलिस पहुंची तो आधी रात को भी बड़ी संख्या में भीड़ मौजूद थे।लोगों ने पुलिस का भारी विरोध किया। युवती के परिजनों और गांव वालों ने पुलिस ने शव देने की अपील की लेकिन पुलिस ने परिजनों की एक ना सुनी और किसी को भी युवती के शव के पास नहीं आने दिया। पुलिस ने जबरन पीड़िता का खुद ही अंतिम संस्कार कर दिया। इतना ही नहीं, यूपी पुलिस ने किसी मीडियाकर्मी को भी पास नहीं आने दिया।

बता दें कि परिवारवालों की ओर से आरोप लगाया गया है कि पहले पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज नहीं किया था, उसके बाद गैंगरेप की धारा नहीं जोड़ी गई थी। जब मीडिया में इस मामले को लेकर बवाल शुरू हुआ, तब यूपी पुलिस कुछ एक्शन में आई। अब पुलिस की ओर से कहा जा रहा है कि उसने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

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