केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शिक्षण संस्थानों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। मोदी सरकार शिक्षा को और भी ज्यादा बढ़ावा देने के लिए अब देश के सभी ब्लॉक में स्कूल बनाने की योजना की शुरुआत करने जा रही है और इसकी शुरुआत उत्तराखंड से होगी। केंद्रीय मंत्री निशंक ने भी कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी खुद इस योजना को प्रोत्साहित भी कर रहे हैं।

नई शिक्षा नीति से नए बदलाव
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का दावा है कि इस नई शिक्षा नीति से उत्तराखंड में बड़े बदलाव होंगे। नई शिक्षा नीति से उत्तराखंड पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा इस बाबत उन्होंने लोकप्रिय अखबार अमर उजाला को जानकारी देते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति को रणनीति की अवधारणा के आधार पर लागू किया जाएगा। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बात करने के बाद विस्तृत रणनीति तैयार की जाएगी।

नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा से जुड़े 117 और स्कूली शिक्षा से जुड़े 150 मामलों में सिफारिशंउ की गई हैं। फिलहाल टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी कि कौन सी सिफारिशें कब लागू होंगी। कई मामलों में हम राष्ट्रीय स्तर पर पायलट प्रोजेक्ट चलाएंगे। कुछ आईआईटी और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एकैडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के जरिए शत प्रतिशत सुरक्षित रखने की योजना है।

व्यावसायिक, कौशल विकास पर जोर
वहीं उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति से स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने में कितनी सहायक के सवाल पर मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास पर जोर दिया गया है। यह रोजगारपरक भी है।

पलायन रोकने में मदद
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के रूप में केंद्र से मिलने वाली धनराशि के साथ ही विश्व बैंक की मदद से उच्च शिक्षा पहली दफा राज्य से युवाओं का पलायन रोकने में अहम भूमिका निभाने जा रही है। उत्तराखंड के विकास के लिए नए साल में सरकारी डिग्री कॉलेजों में पारंपरिक शिक्षा के साथ रोजगार और व्यावसायिक शिक्षा का मजबूत आधार तैयार करने की तैयारी तेज हो गई है।

ऑलवेदर के बाद दूसरी बड़ी सौगात
केंद्र सरकार उत्तराखंड में सभी 95 ब्लॉकों में केंद्रीय विद्यालय खोलने पर सहमत है। हर ब्लॉक में केंद्रीय विद्यालय खुलने की स्थिति में यह ऑलवेदर रोड प्रोजेक्ट के बाद उत्तराखंड के लिए मोदी सरकार की दूसरी सबसे बड़ी सौगात है। हमारी मुख्यमंत्री से लगातार इस पर चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री ने हर ब्लॉक में केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन और जरूरी छात्र संख्या मुहैया कराने की बात कही है। केंद्र सरकार भी केंद्रीय विद्यालय खोलने की अपनी योजना की शुरुआत देवभूमि उत्तराखंड से करेगी। स्वयं प्रधानमंत्री इसे प्रोत्साहित कर रहे हैं।

मंत्री निशंक ने कहा कि देश में जहां भी संभव हो कम से कम कक्षा पांच तक, लेकिन अगर हो सके तो कक्षा आठ तक और उससे भी आगे शिक्षा का माध्यम घरेलु भाषा या मातृभाषा हो। यह नीति सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में लागू की जाएगी। नई शिक्षा नीति 2020 उत्तराखंड के लिए वरदान साबित होगी। राज्य और केंद्र सरकार के आपसी सामंजस्य से विकास का काम किया जा रहा है।

संस्कृत को भाषा के तौर पर विकसित करना
उत्तराखंड में संस्कृत को भाषा के तौर पर विकसित करने की नई शिक्षा नीति में कई योजनाएं है। देश के सभी संस्कृत और भारतीय भाषा संस्थानों और विभागों को मजबूत किया जाएगा। संस्कृत के विकास के लिए संस्कृत शिक्षा परिषद का गठन किया गया है। संस्कृत जितनी प्राचीन है उतनी आधुनिक भी है। भाषा वैज्ञानिकों का मानना है कि संस्कृत में कंप्यूटर प्रोग्रामिंग आसानी से की जा सकता है। नई शिक्षा नीति में संस्कृत को भाषा के रुप में दर्शाया गया है। आज दुनिया के 250 विश्विद्यालयों में संस्कृत भाषा की पढ़ाई हो रही है।

नोटः ये सभी बातें उन्होंने उत्तराखंड के लोकप्रिय अखबार अमर उजाला से बातचीत के दौरान कही

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