बोले हरीश रावत  यदि आपका लक्ष्य बेरोजगार हैं, तो फिर जिस योजना को हमने प्रारंभ किया था, उसको आगे बढ़ाना ही पड़ेगा

सोलर_पावर के क्षेत्र में निरंतर प्रयास, अच्छी बात है। हमारी सरकार के कार्यकाल में एक योजना शुरू हुई थी, 5 किलो वाट का प्लांट कोई भी नौजवान अपने घर,
अपने आंगनबाड़ी में, कहीं पर भी लगा सकता था और उसको लगाने में उसकी मदद विद्युत विभाग करता था और केंद्रीय सब्सिडी और राज्य सरकार की अपनी सब्सिडी मिलाकर, ऐसे प्लांट लगाने वाले को बमुश्किल 4-5 हजार रुपया खर्च करना पड़ता था और उसको भी हमने कह दिया था कि, विभाग खर्च करेगा ताकि उत्पादन प्रारंभ होने के साथ ही और विभाग उस पैसे को धीरे-धीरे वसूल कर सके, तो लगभग मुफ्त में सोलर उत्पादक व्यक्ति बनता था और उसकी सालाना इनकम 20 से 25 हजार रुपये तक हो सकती थी। मुझे आश्चर्य है कि, उस योजना को क्यों छोड़ दिया गया! क्योंकि 25 किलो वाट की परियोजना लगाने की क्षमता निम्न मध्यम वर्ग के नौजवानों में जिनके लिये यह योजना प्रारंभ की थी, नहीं हो सकती है या तो सरकार सब्सिडी का स्तर बढ़ाये अन्यथा यह योजना काम तो करेगी, मगर केवल खाते-पीते लोगों के लिये, जिनके पास और भी साधन हैं, एक साधन सोलर ऊर्जा उत्पादन का भी हो जायेगा,
यदि आपका लक्ष्य बेरोजगार हैं, तो फिर जिस योजना को हमने प्रारंभ किया था, उसको आगे बढ़ाना ही पड़ेगा।

जिस राज्य में कोरोना के कारण मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो रहा है, क्या वहां कोरोना काल में नौकरियों में भर्ती, स्वरोजगार व विकास हो सकता है! सोचें।

भगत जी कहते हैं, मुझे अखबारों की सुर्खियां चाहिये। मैं कहता हूं, भाजपा को तुर्सियां व कुर्सियां चाहिये, है न अपना-अपना शौक।

 बता दे कि कल कल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व विधायक बंशी धर भगत ने भाजपा प्रदेश कार्यालय पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा था कि रावत को किसी न किसी प्रकार मीडिया में दिखने का मीनिया है और इसके लिए वे अक्सर कुछ न कुछ करते रहते हैं चाहे उसका कोई भी औचित्य न हो। उनकी गैर सैण यात्रा भी मीडिया कवरेज यात्रा है,इससे अधिक कुछ नहीं। बाक़ी वहाँ जो विकास कार्य होने हैं वे हो रहे हैं।

इसके बाद उन्होंने कहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री जी से बात हुई है और मुख्यमंत्री ने स्वयं कहा है कि कोरोना के नियंत्रण में आते ही यह कार्य कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले भी मंत्रीमंडल विस्तार पर निर्णय हो गया था । पर कोरोना के कारण मामला लम्बित हो गया। जिस पर हर दा के जवाब ने मास्टर स्ट्रोक मार दिया

वही भगत ने कोरोना के लिए विधायकों की वेतन कटौती के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें जो जानकारी मिली थी उसके अनुसार मूल वेतन के 30प्रतिशत की कटौती होनी थी। जो हमने शुरू कर दी । लेकिन यदि कटौती में अन्य मदें भी जोड़ी जानी हैं तो स्थिति स्पष्ट कर उसके हिसाब से कटौती करा लेंगे। सरकार का जो भी निर्णय है हम उसके साथ हैं। लेकिन वेतन कटौती पर तो पहले कांग्रेस तैयार ही नहीं थी । उन्होंने कांग्रेस के इस दावे को ख़ारिज कर दिया कि कोरोना काल में कांग्रेस ने बहुत सेवा की । उन्होंने कहा कि कांग्रेस कोई उदाहरण तो दे।

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