दुःखद रविवार देर रात पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में बादल ऐसे बरसे कि इस आफत की बरसात ने सीमांत गांव के लोगों को 2013 की केदारनाथ आपदा की याद दिला दी। कहर बनकर बरसी बारिश से यहां कई घर जमींदोज हो गए तो वहीं अभी तक तीन लोगों की मौत हो गई है दुःखद।
अभी तक मिली जानकारी अनुसार
गैला गांव के तीन लोगों की मौत हो गई है। मृतकों के नाम शेर सिंह, गोविंदी और ममता है। गांव में मकान जमींदोज होने से कुछ लोग लापता बताए जा रहे हैं तो पांच घायल है
वही इसी तहसील के टांगा गांव में भूस्खलन के दौरान पहाड़ी से निकले मलबे के साथ तीन मकान बह गए। इस घटना में चार लोगों के लापता होने की जानकारी मिल रही है
अभी तक प्रशासन ने सात लोगों के लापता होने की पुष्टि की है। खतरे की जद में आए परिवारों को इस समय शिफ्ट किया जा रहा है।
वही मुनस्यारी और बंगापानी क्षेत्र में शनिवार रात भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया। गोरी नदी का जलस्तर बढ़ने से छोरीबगड़ गांव के पांच मकान बह गए।

वही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को निर्देश है कि राहत और बचाव कार्य में किसी तरह की कोताही न बरती जाए। प्रभावित क्षेत्र में तुरंत एसडीआरएफ की एक ओर टीम भेजी जाए। प्रभावितो को तत्काल अनुमन्य राहत राशि उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ ही जरूरी सुविधाएं भी मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं। जो लोग अभी तक लापता हैं, उनकी खोज के लिए तत्काल युद्ध स्तर पर खोज अभियान शुरू किया जाए। अभी एसटीआरएफ की दो टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। 

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