पीयूष वालिया

हरिद्वार। मा0 मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरिहर आश्रम में जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी से औपचारिक भेंटवार्ता की। मा0 मुख्यमंत्री के साथ विधायक हरिद्वार ग्रामीण स्वामी यतीश्वरानंद, रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने भी स्वामी अवधेशानंद जी का आशीर्वाद प्राप्त किया।
इसके उपरांत माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पतंजलि फेस-2 बहादराबाद हरिद्वार में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम की प्रदेश पदाधिकारियों की अखिल भारतीय बैठक का उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पूर्वोत्तर के प्रहरी वसंतराव भट की पुस्तक का विमोचन किया वनवासी समाज के लिए किये गये इंतजामों के लिए आचार्य बालकृष्ण का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि वनवासी समाज वह समाज है जो वास्तव में प्रकृति को संरक्षित कर रहे हैं और वनवासी कल्याण आश्रम इस समाज को विकसित कर भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने का काम कर रहा है। ये लोग आधुनिक सुख सुविधाओं के मोह से अलग प्राकृतिक संसाधनों पर अपना जीवन व्यतीत करने में प्रसन्न हैं। वनवासी कल्याण आश्रम आदिवासी समाज के प्रति अन्य लोगों में संवेदनशीलता का भाव जगाने का कार्य कर रहा है, जोकि प्रशंसनीय है।
इन्हीे के प्रयासों से पूर्व से पश्चिम तक उत्तर से दक्षिण तक आदिवासी समाज मुख्यधारा में शामिल हो रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, धर्म संस्कृति से जुड़ककर पूरा भारत एक हो रहा है। आदिवासी कल्याण आश्रमों के माध्यमों से देश की कमजोर कड़ी को मजबूत बनाने का कार्य किया है।
इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजली और आदिवासी कल्याण आश्रम के बीच केवल संस्था के नाम का अंतर प्रतीत होता है जबकि कार्य दोनों का ही भारतीय धर्म और संस्कृति का संरक्षण है। उन्होंने वनवासी कल्याण आश्रम के कार्य की सराहना की और सदैव इस कार्य में सहयोग करने की बात कही। .
इस अवसर पर विधायक श्री आदेश चौहान, जिलाधिकारी श्री दीपेंद्र चौधरी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री सेंथिल अबुदई, सिटी मजिस्ट्रेट श्री जगदीशलाल, अपर जिलाधिकारी वित्त श्री के.के. मिश्र, एसडीएम श्रीमती कुश्म चौहान, मोहनलाल भंडारी, उपाध्यक्ष कल्याण आश्रम कृपा प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष कल्याण आश्रम नीलिमा ताई पट्टे, महामंत्री कल्याण आश्रम योगेश जी बापट, प्रांताध्यक्ष सेवा प्रकल्प संस्थान सुरेश जी पांडे, राज्य मंत्री श्री विनोद आर्य, डालचंद जी आदि उपस्थित थे।

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