प्रबंध निदेशक ने शीतकाल में मसूरी, औली, लैंसडौन, जोशीमठ, धनोल्टी, ऋषिकेश, हरिद्वार, चमोली, चकराता, राजाजी नेशनल पार्क,में बिजली व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम करने को कहा है

प्रदेश में शीतकाल में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए ऊर्जा निगम अलर्ट मोड पर आ गया है। व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के साथ ही नियमित निगरानी की जा रही है। प्रबंधन की ओर से सभी अधिकारियों को पर्यटक स्थलों में भी व्यवधान रहित आपूर्ति सुनिश्चित करने और कार्मिकों को अपने-अपने तैनाती स्थल न छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।

मंगलवार को ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार की अध्यक्षता में शीतकाल में राज्य की विद्युत आपूर्ति की स्थिति व राजस्व वसूली में बढ़ोतरी को लेकर समीक्षा बैठक की। जिसमें निदेशक परिचालन, समस्त मुख्य अभियंता वितरण, अधीक्षण अभियंता वितरण और अन्य अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन के महत्व को देखते हुए ऊर्जा निगम की ओर से भी इस क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए सभी स्थलों पर निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रबंध निदेशक ने शीतकाल में मसूरी, औली, लैंसडौन, जोशीमठ, धनोल्टी, ऋषिकेश, हरिद्वार, चमोली, चकराता, राजाजी नेशनल पार्क, टिहरी, देवप्रयाग, चंबा, हर्षिल आदि के साथ चारों धामों के शीतकालीन पूजा स्थलों में बिजली व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम करने को कहा है।

ऊर्जा निगम पर्यटक स्थलों से संबंधित सभी उपसंस्थानों, एचटी/ एलटी लाइनों और स्ट्रीट लाइट की स्थिति का प्रतिदिन अनुश्रवण कर रहा है। आकस्मिक स्थिति के लिए सभी स्थलों में कंडक्टर, केबिल, पोल, ट्रांसफार्मर की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है। जिससे विद्युत व्यवधान होने पर न्यूनतम समयावधि में विद्युत आपूर्ति सुचारू की जा सके। सभी अधीक्षण अभियंताओं व अधिशासी अभियंताओं को अपने क्षेत्र में आने वाले 33/11 केवी उपसंस्थानों व उनसे निकलने वाले 11 केवी फीडरों का निरीक्षण व हाई अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए लाइन के बीच में आ रहे पेड़ों एवं टहनियों की लापिंग-चापिंग समय से कराना और समस्त ट्राली परिवर्तकों की उपलब्धता कार्यशील स्थिति में होना सुनिश्चित किया जाए।

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