प्रबंधक ने विद्यालय में लिपिक के दो पदों पर चहेतों को भर्ती किया। जिसके लिए साजिश के तहत प्रधानाचार्य को फरवरी से लेकर जुलाई 2022 तक निलंबित भी किया गया

 

अफसरों के खिलाफ प्रधानाचार्य ने खोला मोर्चा
पौड़ी।
इंटर कालेज यमकेश्वर के प्रधानाचार्य ने मांगों पर कार्रवाई नहीं होने पर विभागीय अफसरों व विद्यालय प्रबंधक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने तत्कालीन प्रबंधक समेत तीन लोगों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मुख्यालय में शिक्षा विभाग के प्रांगण में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। इस मौके पर अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संगठन ने प्रधानाचार्य को समर्थन देते हुए एक दिवसीय धरना दिया।

शिक्षा विभाग प्रांगण में सोमवार को आमरण अनशन पर बैठे इंटर कालेज यमकेश्वर के प्रधानाचार्य मनमोहन सिंह रौतेला ने बताया कि फरवरी 2020 में चयन समिति की ओर से उन्हें सर्वसम्मति से विद्यालय का प्रधानाचार्य नियुक्त किया गया।

प्रधानाचार्य बनने के बाद ही विद्यालय के तत्कालीन प्रबंधक व दो व्यक्तियों ने उनका लगातार उत्पीड़न किया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंधक ने विद्यालय में लिपिक के दो पदों पर चहेतों को भर्ती किया। जिसके लिए साजिश के तहत उन्हें फरवरी से लेकर जुलाई 2022 तक निलंबित भी किया गया। बताया कि बहाली के बाद भी उन्हें इस अवधि का वेतन नहीं दिया गया उन्होंने बताया कि उच्चाधिकारियों द्वारा उनकी समस्या को नजरंदाज किया जा रहा है।
जिस पर उनको आमरण अनशन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। प्रधानाचार्य में सुबह 11 से 4 बजे तक अनशन पर बैठे रहे। वही बाद मै प्रभारी सीईओं द्वारा मामले में कार्रवाई का आश्वासन देने पर उन्होंने अनशन समाप्त किया
प्रभारी सीईओ प्रभारी मुख्य शिक्षाधिकारी नागेंद्र बर्वाल ने बताया कि मामले में डीईओ माध्यमिक से आवश्यक कार्रवाई को कहा गया है।
अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संगठन ने प्रधानाचार्य की मांगों को जायज बताते हुए शिक्षा विभाग में एक दिवसीय धरना देकर प्रदर्शन किया। इस मौके पर राजे सिंह नेगी, प्रांतीय महामंत्री महादेव मैठाणी, मंडलीय अध्यक्ष शिव सिंह रावत, मंडलीय महामंत्री मनोज रावत, अनिल नौटियाल, विजयपाल आदि थे

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