धामी के 3 साल : समान नागरिक सहिंता सहित नकल विरोधी कानून, रोजगार, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जैसे तमाम महत्वपूर्ण निर्णयों का हुआ एक्स पर खूब जिक्र

समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड


प्रदेश में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया गया।

उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए धर्मांतरण कानून लाया गया

प्रदेश में दंगारोधी कानून को लागू किया गया है.

लैंड जेहाद पर कार्यवाही करके देवभूमि उत्तराखंड में सुख, शांति और अमन-चैन सुनिश्चित किया

लैंड जिहाद के तहत की गई कार्यवाही के दौरान प्रदेश में करीब 5 हजार एकड़ सरकारी भूमि को कब्जामुक्त कराया गया है

सरकारी नौकरी में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया

राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके सभी आश्रित पात्रों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का निर्णय लिया गया

राज्य में निःशुल्क जांच योजना के तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निःशुल्क सुविधा दी जा रही है

आयुष्मान योजना के तहत उत्तराखंड में इस योजना के तहत 55 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाएं जा चुके हैं

आयुष्मान योजना: 9 लाख 11 हजार मरीजों का निःशुल्क उपचार किया जा चुका है।

उत्तराखंड नई शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू करने वाला राज्य बना

नारी सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रोजेक्ट कॉस्ट का 30 प्रतिशत या एक लाख रुपए की सब्सिडी प्रदान की जा रही है

उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में विभिन्न देशों के उद्योगपतियों द्वारा 3.56 लाख करोड़ के 1,779 एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं। राज्य सरकार 20 फीसदी करार को धरातल पर उतार चुकी है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने आज तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर लिया है। इन तीन वर्षों में सीएम धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक सहिंता को लागू करने सहित नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण कानून जैसे तमाम बड़े फैसले लिए तो ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिये धामी प्रदेश में बड़े निवेश को भी आकर्षित करने में कामयाब रहे। सीएम धामी के कार्यकाल के 3 वर्ष पूर्ण पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर आज सुबह से ही #DhakadDhamike3saal ट्रेंडिंग रहा।

पुष्कर सिंह धामी को 4 जुलाई 2021 को पहली बार भाजपा आलकमान ने राज्य की बागडोर सौंपी थी। युवा धामी के चयन एवं नेतृत्व क्षमता को लेकर तब तमाम तरह की अटकलों और चर्चाओं का दौर चला लेकिन दृढ़ इरादों के पक्के धामी ने अपने छोटे से कार्यकाल से ही तब दर्शा दिया था कि वे लंबी रेस के लिए तैयार हैं। नतीजा, सीएम धामी के नेतृत्व में पहली बार ऐसा हुआ जब राज्य की सत्ता में लगातार दूसरी बार कोई दल सत्ता में लौटा।

मुख्यमंत्री धामी ने अपनी दूसरी इनिंग की शुरुआत करने से पहले ही जनता जनार्दन से सत्ता में आने पर समान नागरिक सहिंता को प्रदेश में लागू करने का वादा किया और इस वर्ष सम्पन्न हुए लोकसभा चुनावों से पहले धामी ने इस निर्णय को धरातल पर उतारते हुए देश में वो कर दिखाया जो आज तक किसी राज्य ने नहीं किया। उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जहां समान नागरिक सहिंता लागू है। आज मुख्यमंत्री धामी ने सीएम के रूप में तीन वर्ष पूरे किये तो सुबह से ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर समान नागरिक संहिता सहित तमाम ऐतिहासिक निर्णय x पर ट्रेंड करते रहे।

*इन तमाम निर्णयों की होती रही चर्चा*

-समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड

-प्रदेश में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया गया।

-उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए धर्मांतरण कानून लाया गया।

-प्रदेश में दंगारोधी कानून को लागू किया गया है।

-लैंड जेहाद पर कार्यवाही करके देवभूमि उत्तराखंड में सुख, शांति और अमन-चैन सुनिश्चित किया है। लैंड जिहाद के तहत की गई कार्यवाही के दौरान प्रदेश में करीब 5 हजार एकड़ सरकारी भूमि को कब्जामुक्त कराया गया है।

-सरकारी नौकरी में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया।

-राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके सभी आश्रित पात्रों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का निर्णय लिया गया।

-राज्य में निःशुल्क जांच योजना के तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निःशुल्क सुविधा दी जा रही है।

-आयुष्मान योजना के तहत उत्तराखंड में इस योजना के तहत 55 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाएं जा चुके हैं, जिसमें से 9 लाख 11 हजार मरीजों का निःशुल्क उपचार किया जा चुका है।

-उत्तराखंड नई शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू करने वाला राज्य बना।

-नारी सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रोजेक्ट कॉस्ट का 30 प्रतिशत या एक लाख रुपए की सब्सिडी प्रदान की जा रही है।

-उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में विभिन्न देशों के उद्योगपतियों द्वारा 3.56 लाख करोड़ के 1,779 एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं। राज्य सरकार 20 फीसदी करार को धरातल पर उतार चुकी है।

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