कलियर रिपोटर अनवर राणा
दरगाह कार्यालय के अधिकारियों की अनदेखी का फायदा उठाकर यहां पर कुछ वर्षों से डटे भूमाफियाओं ने दरगाह में आने जाने व नमाज अदा करने वाले जायरीनों का रास्ता भी बंद कर दिया है।उत्तरप्रदेश राज्य में रहते कलियर दरगाह पर भी उत्तरप्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड का कब्जा था ।तभी बेहशोडी शरीफ निवासी दरगाह में आस्था रखने वाले एक सूफी ने दरगाह कार्यालय के निकट सिर्फ उर्स में रहने व इबादत करने के लिये तत्कालीन दरगाह प्रबंधतंत्र से एक खुली शिदरी के लिये जगह की परमिशन ली थी।कुछ समय तक उक्त जगह पर खुली शिदरी के रूप में बहुत कम जमीन थी लेकिन धीरे धीरे उत्तराखंड गठन के बाद उक्त जगह को कब्जाकर लम्बा छोड़ा अरिये में तब्दील कर एक बड़ा गेस्ट हाउस के रूप में खानकाह को विकशित किया गया है।आजकल उक्त खानकाह सबरी मेहमानों से नजराना वसूलकर बिना आई डी ही यात्रियों को रोक कर गेस्ट हाउस के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।यही नही वर्तमान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की नितिका खण्डेलवाल ने इसी जगह पर बने हाइटेक लंगर में जायरीनों को बैठाकर खाना खिलाने की व्यवस्था शुरू की हुई है ।सबरी लंगर खाने के परिसर से मिलती हुई इस कथित खानकाह के रखवालो ने सबरी मस्जिद के पीछे के रास्ते को दीवार बनाकर बिल्कुल बन्द करने के कगार पर ला दिया लेकिन दरगाह प्रबंधतंत्र को यह रास्ता नही दिखाई दे रहा है बताया तो यहां तक जा रहा है कि उक्त खानकाह की देखरेख भी दरगाह के कर्मचारियों के रिस्तेदार के हाथ मे होने की वजह से दरगाह प्रबंधतंत्र भी खामोश बना हुआ है।यदि उर्स की भीड़ के मध्यनजर इस रास्ते को छोड़ा नही किया गया तो लँगरखाने व मस्जिद में नमाज पढ़ने वाले हजारों जायरीनों को परेशानियों का सामना तो करना पड़ेगा ही वही भीड़ की वजह से कोई बड़ा हादसा भी होने की आसंका बनी हुई है।*

*दरगाह प्रबंधक सफीक अहमद का कहना है कि रास्ते की मौजूदा स्थिति से ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की को अवगत कर उर्स से पूर्व ही हल निकाला जाएगा।*

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