मुख्यमंत्री धामी की छवि एक बेहद गंभीर, सरल, सहज और सौम्य नेता की है, लेकिन जब वो प्रधानमंत्री मोदी के साथ होते हैं तो दोनों की केमिस्ट्री देखते ही बनती है…
दोनों नेताओं के बीच अपनेपन का एक खास रिश्ता, पीएम जब भी उत्तराखंड आते है उन्होंने सार्वजनिक मंच से सीएम धामी को खूब दुलार और आशीर्वाद दिया..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिथौरागढ़ मे जनसभा को संबोधित करते समय मुख्यमंत्री धामी को भाई कहकर संबोधित किया…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तराखंड के दौरे पर रहे. इस दौरान पीएम मोदी ने पार्वती कुंड और जागेश्वर धाम में पूजा कर सबके स्वास्थ्य व उत्तराखंड के सारे सपने पूरे होने का आशीर्वाद मांगा।
प्रधानमंत्री मोदी आदि कैलाश की यात्रा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री भी बन गए है।
इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उनके साथ रहे और दोनों के बीच केमिस्ट्री देखने लायक थी.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की छवि एक बेहद गंभीर, सरल, सहज और सौम्य नेता की है, लेकिन जब वो प्रधानमंत्री मोदी के साथ होते हैं तो दोनों की केमिस्ट्री देखते ही बनती है. दोनों नेताओं के बीच अपनेपन का एक खास रिश्ता है. पीएम मोदी जब भी उत्तराखंड आते हे उन्होंने सार्वजनिक मंच से सीएम धामी को खूब दुलार और आशीर्वाद दिया.
आज फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिथौरागढ़ मे जनसभा को संबोधित करते समय मुख्यमंत्री धामी को भाई कहकर संबोधित किया
प्रधानमंत्री जी ने कहा उत्तराखंड के लोकप्रिय युवा मुख्यमंत्री भाई पुष्कर सिंह धामी जी….
पीएम मोदी ने पिथौरागढ़ में आयोजित जनसभा में अपने भाषण में मुख्यमंत्री धामी की तारीफ करते हुए पूरी टीम कों इस काम के लिए बधाई भी दी
दरसल पीएम मोदी जब भी उत्तराखंड आए उन्होंने अपने संबोधन में युवा, ऊर्जावान, विकास के लिए समर्पित जैसे शब्दों से पुष्कर सिंह धामी की जमकर तारीफ की. इस बार पीएम ने कहा धामी कों फिर भाई कहकर संबोधित किया
समय समय पर पीएम मोदी की इन बातों से स्पष्ट है कि मोदी और धामी के रिश्तों में गजब का सामंजस्य है और नए उत्तराखंड और नए भारत के निर्माण के लिए दोनों साथ-साथ कदमताल करने के लिए तैयार हैं.
वही पीएम मोदी ने इस बार उत्तराखंड को पिथौरागढ़ में रिमोट का बटन दबाकर 4200 करोड़ की विकास योजनाओं की सौगात दी
इस बीच पीएम मोदी ने कहा बॉडर एरिया पर गांवां को फिर से बसाया जाएगा। पहाड़ का पानी और जवानी काम नहीं आती है, अब इस कहावात को बदलने का समय है।
हम मोटे अनाज श्री अन्न को देश के कोने-कोने में पहुंचाना चाहते हैं।
केदारखंड और मानसखंड व जागेश्वर एक होगें। आदि कैलाश, नाभी ढांग भी लोग आसानी से आ सकेंगे..