युवाओं पर लाठीचार्ज पर माफी मांग रहे टीएसआर लेकिन गैरसैण में मातृशक्ति पर लाठीचार्ज पर मौन-गरिमा मेहरा दसौनी

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के देहरादून में धामी सरकार के बेरोजगारों पर किए गए लाठीचार्ज पर माफी मांगने वाले बयान पर उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने तंज कसा है।
दसोनी ने कहा कि त्रिवेंद्र रावत की अंतरात्मा आज अचानक कैसे जाग गई या फिर इस बयान का मतलब किसी पर अप्रत्यक्ष चोट करना है??दसौनी ने कहा कि त्रिवेंद्र का बयान चौंकाने वाला है क्योंकि जब त्रिवेंद्र रावत सूबे के मुख्यमंत्री थे तो गैरसैण में मात्र एक सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर 90 दिनों से ज्यादा आंदोलनरत मातृशक्ति पर दिसंबर की ठंड में वाटर कैनन छोड़े गए और लाठीचार्ज किया गया परंतु उस वक्त चौतरफा घिरने के बाद भी त्रिवेंद्र रावत ने प्रदेश की जनता और मातृशक्ति से अपनी करनी के लिए कोई क्षमा नहीं मांगी ,बल्कि उल्टा धृतराष्ट्र की तरह चुप्पी साध कर बैठ गए।
दसोनी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर व्यंग करते हुए कहा की आज त्रिवेंद्र रावत स्वयं को जिम्मेदार नागरिक भी कह रहे हैं और पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी सफाई भी दे रहे हैं परंतु शायद वह अपने पुराने दिन भूल गए जब युवाओं को न नौकरी मिल रही थी न स्वरोजगार के कोई अवसर थे और बेरोजगारों के घाव पर नमक छिड़कने के लिए समय-समय पर बस समाचार पत्रों में मात्र नौकरियों की खबरें छपा करती थी ।
कोरोनाकाल में चार लाख से ज्यादा युवा रिवर्स पलायन करके प्रदेश में पहुंचे त्रिवेंद्र रावत उनका विश्वास भी जीत पाने में सफल नहीं हुए और करो ना समाप्त होते ही वह सभी युवा उत्तराखंड छोड़कर लौट गए ।

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