पीयूष वालिया


बिहार झारखण्ड सांस्कृतिक परिषद के तत्वावधान में कल भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी की 135वीं जयंती का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बीएचईएल हरिद्वार के सेक्टर – 1 सामुदायिक केंद्र में किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीएचईएल के महाप्रबंधक मानव संसाधन श्री संजय सिन्हा जी, तथा विशिष्ठ अतिथि महाप्रबंधक वाणिज्य सीएफएफपी श्री ए.के. सक्सेना और भगवानदास संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. श्री भोला झा जी थे।
आज जब देश चंद राजनीतिक परिवारों के अलावा किसी महापुरूष को याद तक नहीं करता बीएचईएल हरिद्वार की बिहार झारखण्ड सांस्कृतिक परिषद राजेंद्र बाबू जी की जयंती को सालों से बड़ी भव्यता से आयोजित करता रहा है। इस कार्यक्रम में जहाँ बिहार की संस्कृति और संस्कार की झलक बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देखने को मिलती है, वहीं बीएचईएल में बिहार वासियों की सर्वव्याप्तता उनकी विशाल संख्या से स्वत: दृष्टिगोचर हो जाती है। बिहार झारखण्ड सांस्कृतिक परिषद बीएचईएल में कार्यरत बिहार वासियों की संस्था है जिसमें कर्मचारी से लेकर महाप्रबंधक तक हर स्तर के लोग जाति धर्म ऊंच नीच के भेदभाव से ऊपर उठकर बिहार की सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने के लिये विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन करते रहते हैं। इसी कड़ी में राजेंद्र बाबू की 135वीं जयंती मनायी गई।
कार्यक्रम में परिषद सदस्यों के जिन बच्चों ने प्रस्तुति दी उनमें पार्थ, संजना, श्रुति, आदित्य कनक, श्रेया, सान्या आदि प्रमुख हैं। कार्यक्रम में भातखण्डे संगीत महाविद्यालय के बच्चों द्वारा प्रस्तुत नृत्य और परिषद के सदस्य उत्तराखण्ड रत्न से सम्मानित जुनियर किशोर के नाम से प्रसिद्ध श्री रविंद्र विश्वकर्मा जी की संगीत प्रस्तुती भी आकर्षण के केंद्र रहे। इसके अतिरिक्त डॉ. अनीता जी ने राजेंद्र बाबू के जीवन के कुछ रोचक प्रसंग सुनाए। कार्यक्रम में परिषद के संरक्षक श्री बिहारी चौधरी, एस.आर. प्रसाद एसएन चौधरी आर. के. राय सुरेंद्र कुमार, शशांक गुप्ता, डॉ. अरविंद झा, आलोक सी करकेट्टा, एनपी राय आरएस चौधरी, अध्यक्ष श्री रजनीश भारती, उपाध्यक्ष ओम प्रकाश व विद्यासागर सचिव श्री सदानंद बैठा, उप सचिव कमलेंद्र व अमृत रंजन कोषाध्यक्ष श्री आलोक साहा तथा प्रचार प्रभारी श्री सोनेश्वर कुमार सोना भी मौजूद रहे।

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