उत्तराखंड प्रभारी डॉ मो मुकर्रम मलिक

सह संपादक अमित मंगोलिया

निर्भया के सभी दोषियों को दी गई फांसी, सात साल बाद मिला इंसाफ
काफी लंबे इंतज़ार के बाद अभी-अभी निर्भया के गुनाह गारों को सात साल, तीन महीने और तीन दिन बाद तड़के सुबह फांसी दे दी गई है. मामले के सभी चार गुनाह गारों राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को दिल्ली के तिहाड़ जेल में सुबह 5.30 बजे फांसी दी गई है. निर्भया मामले में गुनाह गारों के वकील एपी सिंह के द्वारा कई बार क़ानूनी दांव-पेंच का प्रयोग कर निर्भया के गुनाह गारों के फांसी को टलवा रहे थे, लेकिन आखिरकार आज 20 मार्च शुक्रवार की सुबह सभी को फांसी दे दी गई है. बता दें कि फांसी से पहले पूरी रात क़ानूनी प्रक्रिया चलती रही. दिल्ली हाईकोर्ट में पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को चुनौती याचिका ख़ारिज होने के बाद दोषियों के वकील एपी सिंह ने फांसी की सजा पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. रात के 2.30 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. लेकिन यहां भी दोषी पक्ष को झटका लगा. सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पक्ष की याचिका को ख़ारिज कर दिया, जो कि दोषियों के लिए अंतिम उम्मीद थी.
फांसी से पहले क़ानूनी दांव-पेंच में दोषियों के वकील एपी सिंह ने अदालत के सामने दोषी पवन की स्कूली सर्टिफिकेट, स्कूल रजिस्टर और हाजिरी रजिस्टर पेश करते हुए दावा किया कि अपराध के समय वह नाबालिग था. इस पर जस्टिस भूषण ने कहा कि ये सभी दस्तावेज कोर्ट के समक्ष पहले ही लाए जा चुके हैं. यह कोई नया तथ्य नहीं है. जिसके बाद देर रात सुप्रीम कोर्ट से भी याचिका खारिज हो गई. जिससे आहत दोषियों के वकील एपी सिंह ने अदालत के बाहर आकर आपा खो दिया. इस दौरान एपी सिंह ने मीडिया के सामने निर्भया को लेकर आपत्तिजनक बातें कह डाली, जिससे नाराज होकर मौके पर मौजूद कई माहिलाओं ने एपी सिंह को घेर लिया. सुरक्षाकर्मियों ने जैसे-तैसे एपी सिंह को मौके से निकाला.
इधर निर्भया के दोषियों को फांसी मिलने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि कोर्ट के न्याय प्रकिया से मैं संतुष्ट हूं क्योंकि देर से ही सही लेकिन हमारी बेटी को इंसाफ मिल गया है, पूरा देश इस अपराध की वजह से शर्मसार था, आज देश को इंसाफ मिला है. आज के इस तारीख को हर हाल मैं निर्भया दिवस के रूप में मनाउंगी. मैं खासकर देश की तमाम बेटियों को यह जीत समर्पित करती हूँ साथ ही देश के तमाम नागरिक, मीडिया, न्यायपालिका, अपने वकीलों का धन्यवाद करती हूं जिन्होंने मेरे इस संघर्ष में अंतिम क्षण तक मेरा साथ दिया.

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